शाह की मौजूदगी में CM पद का वादा हुआ था, उद्धव बोले- झूठा कहा जाना बर्दाश्त नहीं

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[email protected] । Nov 9 2019 8:16AM

देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफे के बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि भाजपा नेता शिवसेना की मुख्यमंत्री पद साझा करने की मांग पर सहमत नहीं हुए थे।

मुम्बई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के इस दावे का शुक्रवार को जोरदार ढंग से खंडन किया कि ठाकरे की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ बातचीत के दौरान भाजपा और शिवसेना के बीच महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद साझा करने पर सहमत नहीं हुई थी। ठाकरे ने कहा कि भाजपा के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं होगी जब तक वह यह स्वीकार न करे कि दोनों सहयोगी दलों ने मुख्यमंत्री पद साझा करने का निर्णय किया था। ठाकरे ने कहा कि वह अपने पिता एवं शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे से राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बारे में किया वादा पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसके लिए शाह या फडणवीस की जरूरत नहीं है।’’

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ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस द्वारा अपना इस्तीफा महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपने के कुछ ही देर बाद मीडिया को संबोधित किया। फडणवीस ने इस्तीफे के बाद दावा किया कि भाजपा नेता शिवसेना की मुख्यमंत्री पद साझा करने की मांग पर सहमत नहीं हुए थे। ठाकरे ने फडणवीस के दावे पर कहा, ‘‘मैं उन लोगों से बात नहीं करूंगा जो मुझे झूठा बताते हैं। मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा। कार्यवाहक (मुख्यमंत्री) को यह साबित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए कि मैंझूठा हूं। मैंने अपने जीवन में कभी भी झूठ नहीं बोला है।’’ भाजपा के साथ गठबंधन की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘‘भाजपा को यह बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर एक समझौता हुआ था। मेरी मांग को अभी अस्वीकार कर देना उनका अधिकार है लेकिन वे यह नहीं कह सकते कि इस पर (पूर्व में) कभी सहमति नहीं बनी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उन लोगों के साथ कोई संबंध नहीं जो मुझे झूठा कहते हैं। मैंने सरकार गठन को लेकर बातचीत उसी दिन रोक दी थी जब फडणवीस ने यह कहा था कि मुख्यमंत्री पद पर कभी निर्णय नहीं हुआ था।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘अमित शाह और कंपनी’’ झूठ बोल रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना फडणवीस को मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार करेगी, ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं आरएसएस से पूछना चाहता हूं कि क्या झूठ बोलना आपके हिंदुत्व का हिस्सा है।’’ शिवसेना प्रमुख ने कहा कि वह भाजपा को शत्रु नहीं मानते लेकिन उसे झूठे बयान नहीं देने चाहिए। उन्होंने भाजपा के साथ अपनी शिकायतें बताते हुए कहा कि सतारा लोकसभा सीट शिवसेना के कोटे में थी। ‘‘लेकिन फडणवीस ने (उपचुनाव में) उदयनराजे भोसले को मुझसे पूछे बिना भाजपा के टिकट पर उतार दिया (जब भोसले त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए थे)। 

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फडणवीस के इस आरोप पर कि शिवसेना पिछले पांच वर्षों में भाजपा की आलोचना करने में बहुत मुखर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा, ठाकरे ने भाजपा को भोसले के पूर्व में मोदी के बारे में की गई टिप्पणियों की याद दिलायी। उन्होंने जननायक जनता पार्टी : जजपा : के नेता दुष्यंत चौटाला के पूर्व के बयानों की एक वीडियो क्लिप भी चलाई। उन्होंने कहा, ‘‘उदयनराजे ने मोदी के बारे में क्या कहा जब वह राकांपा में थे। भाजपा के साथ (हरियाणा में) हाथ मिलाने से पहले (जजपा नेता) दुष्यंत चौटाला क्या कहते थे?’’ ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने मोदी सरकार पर निशाना साधा, व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री पर नहीं। ठाकरे ने कहा कि वह भाजपा प्रमुख शाह और फडणवीस थे जिन्होंने इस वर्ष पूर्व में चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए उनसे सम्पर्क किया। 

शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मेरी शर्त मुख्यमंत्री पद साझा करने की थी। वार्ता मेरी मांग को लेकर कुछ समय के लिए रुक गई। यद्यपि अमित शाह ने मुझसे फिर से सम्पर्क किया और बाद में इस पर सहमति बनी। देवेंद्र फडणवीस को निर्णय के बारे में जानकारी है। यद्यपि उन्होंने कहा कि अभी इसकी घोषणा नहीं करते हैं। उसके बाद फडणवीस ने मीडिया से कहा कि सभी पद और जिम्मेदारियां बांटी जाएंगी। क्या मुख्यमंत्री पद नहीं होता है? क्या यह एक जिम्मेदारी नहीं है।’’ शिवसेना के भविष्य के कदम के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘‘भाजपा को पहले सरकार बनाने दीजिये। दूसरा विकल्प यह है कि राज्यपाल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी (जो शिवसेना है) को आमंत्रित करें। जब यह होता है, शिवसेना अपना रुख घोषित करेगी। राष्ट्रपति शासन तब लगेगा जब कोई सरकार नहीं बने।’’

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भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है। इससे गतिरोध उत्पन्न हो गया है जबकि 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव परिणाम में दोनों दलों के गठबंधन को कुल मिलाकर 161 सीटें आयी हैं। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 का है।

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