पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नये परिसर में स्थापित होगा 'सामुदायिक रेडियो कर्मवीर'

kg suresh

एमसीयू का नया परिसर विशनखेड़ी में 50 एकड़ में बनकर तैयार है। विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने और विकास संचार का बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय प्रशासन ने नये परिसर में सामुदायिक रेडियो की स्थापना के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय में आवेदन किया था।

भोपाल। विश्व रेडियो दिवस के प्रसंग पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने बताया है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से विश्वविद्यालय को विशनखेड़ी में नवनिर्मित परिसर में सामुदायिक रेडियो 'कर्मवीर' की स्थापना के लिए नियति पत्र प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय की ओर से सामुदायिक रेडियो स्टेशन के लिए आवश्यक प्रक्रिया तेज कर दी गई है। यह सामुदायिक रेडियो न केवल विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण होगा बल्कि विशनखेड़ी क्षेत्र में विकास संचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कुलपति प्रो. सुरेश ने रीवा में तैयार हुए नवनिर्मित परिसर में भी सामुदायिक रेडियो स्थापित करने की बात कही है।

एमसीयू का नया परिसर विशनखेड़ी में 50 एकड़ में बनकर तैयार है। विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने और विकास संचार का बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय प्रशासन ने नये परिसर में सामुदायिक रेडियो की स्थापना के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय में आवेदन किया था। जिस पर सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए विश्वविद्यालय को 'नियति पत्र' प्रदान कर दिया है। विश्वविद्यालय में स्थापित होनेवाले सामुदायिक रेडियो का नाम स्वतंत्रता सेनानी एवं महान संपादक पंडित माखनलाल चतुर्वेदी के सुप्रसिद्ध समाचारपत्र 'कर्मवीर' पर रखा गया है। इस कम्युनिटी रेडियो के प्रारंभ होने से विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रेडियो के कार्यक्रम निर्माण से लेकर उसके प्रसारण एवं व्यवहारिक तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। चूँकि सामुदायिक रेडियो से प्रसारित सामग्री शिक्षाप्रद और जन-जागृति के स्वभाव की होती है, इसलिए कर्मवीर से प्रसारित सामग्री का सकारात्मक प्रभाव विशनखेड़ी की ग्रामीण जनता पर भी पड़ेगा। कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि विद्यार्थियों के साथ-साथ स्थानीय समुदाय द्वारा इसका कंटेंट तैयार कराया जाएगा। 

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विश्व रेडियो दिवस के प्रसंग पर केंद्र सरकार से प्राप्त 'नियति पत्र' की जानकारी साझा करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि 'कर्मवीर सामुदायिक रेडियो' की स्थापना विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगी। विद्यार्थियों के साथ ही आसपास के क्षेत्र को इसका सीधा लाभ मिलेगा। हम प्रयास कर रहे हैं कि रीवा में प्रारंभ हुए नवनिर्मित परिसर में भी सामुदायिक रेडियो की स्थापना हो। इसके लिए विश्वविद्यालय जल्द ही सूचना प्रसारण मंत्रालय को आवेदन देगा। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में पॉडकास्टिंग एवं लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म 'आई-रेडियो कर्मवीर' भी शुरू किया है।

इसलिए मनाते हैं विश्व रेडियो दिवस 

कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि आज भी रेडियो को सबसे प्रभावी संचार माध्यम माना जाता है। पॉडकास्ट के माध्यम से एक बार फिर रेडियो जैसे श्रव्य माध्यम का प्रभाव लोगों को समझ आ रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व रेडियो दिवस मनाए जाने की शुरुआत 2012 में की गयी थी। स्पेन रेडियो एकेडमी ने वर्ष 2010 में पहली बार 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद वर्ष 2011 में यूनेस्को के सदस्य राज्यों द्वारा इसे घोषित किया गया और 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसे अपनाया गया था। इसके बाद यूनेस्को ने पहली बार 13 फरवरी 2012 को विश्व रेडियो दिवस मनाया।

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