साईबाबा की बहाली के आग्रह पर दिल्ली विवि में टकराव

जेल से बाहर आए दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जीएन साईबाबा के अपने पद पर बहाल करने के आग्रह पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के एक हिस्से के बीच टकराव हो गया।

माओवादियों के साथ कथित रिश्ते के मामले में जमानत पर जेल से बाहर आए दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जीएन साईबाबा के अपने पद पर बहाल करने के आग्रह पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के एक हिस्से के बीच टकराव हो गया। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ नौकरी पर बहाल करने के सवाल पर 90 प्रतिशत दिव्यांग प्रोफेसर साईबाबा का समर्थन कर रहा है, एबीवीपी के सदस्यों के नेतृत्व में छात्रों का एक हिस्सा उनका विरोध कर रहा है। छात्रों का यह हिस्सा दावा कर रहा है कि साईबाबा की बहाली से छात्रों पर ‘‘खराब असर’’ पड़ेगा।

रामलाल आनंद कालेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर साईबाबा को 2014 में महाराष्ट्र सरकार के हाथों गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने इसी माह उन्हें यह कहते हुए जमानत प्रदान की कि महाराष्ट्र सरकार का उनके प्रति रवैया ‘‘अत्यंत अनुचित’’ है। साईबाबा ने कहा, ‘‘मैंने कालेज से मेरी सेवाएं बहाल करने आग्रह किया है ताकि मैं सामान्य जीवन बसर कर सकूं। मुझे बताया गया है कि कालेज ने मामले पर गौर करने के लिए एक सदस्यीय समिति बनाई है।’’

यह फैसला कालेज की संचालन समिति की बैठक में लिया गया जिसमें डूटा के प्रतिनिधि ने मांग का समर्थन किया। बहरहाल, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के संयुक्त सचिव छत्रपाल यादव के नेतृत्व में एबीवीपी के सदस्यों ने गुरुवार को कालेज के बाहर प्रदर्शन किया और कालेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। यादव ने कहा, ‘‘उन्हें फिर से काम करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे गलत नजीर बनेगी और साथ ही इसका छात्रों पर खराब असर पड़ेगा। अगर प्रशासन इस पर कदम बढ़ाता है तो हम उसका विरोध करेंगे।’’ संपर्क करने पर कालेज के प्रिंसिपल विजय के. शर्मा ने कहा, ‘‘समिति मामले पर गौर करेगी और कोई अंतिम फैसला उसकी सिफारिशों के आधार पर ही किया जाएगा।’’

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