कांग्रेस का बड़ा आरोप, 12 राज्यों में चुनाव आयोग, मोदी सरकार मिलकर कर रहे 'वोट चोरी का खेल'

Congress
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अभिनय आकाश । Oct 27 2025 7:54PM

कांग्रेस ने एक्स पर एक तीखी पोस्ट में कहा चुनाव आयोग अब 12 राज्यों में वोट चोरी का खेल खेलने जा रहा है। एसआईआर के तहत बिहार में 69 लाख वोट काटे गए और अब 12 राज्यों में करोड़ों वोट काटे जाएँगे। यह खुलेआम वोट चोरी है, जिसे नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग मिलकर अंजाम दे रहे हैं।

कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग पर मोदी सरकार के साथ मिलकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत 12 राज्यों में "वोट चोरी का खेल" चलाने का आरोप लगाया। पार्टी ने आरोप लगाया कि बिहार में हुए पुनरीक्षण अभियान, जिसके तहत 69 लाख नाम हटाए जाने का दावा किया गया था, के बाद अब "मतदाताओं के साथ छेड़छाड़" का यही खेल पूरे देश में चलाया जा रहा है। कांग्रेस ने एक्स पर एक तीखी पोस्ट में कहा चुनाव आयोग अब 12 राज्यों में वोट चोरी का खेल खेलने जा रहा है। एसआईआर के तहत बिहार में 69 लाख वोट काटे गए और अब 12 राज्यों में करोड़ों वोट काटे जाएँगे। यह खुलेआम वोट चोरी है, जिसे नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग मिलकर अंजाम दे रहे हैं। 

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यह टिप्पणी मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु और केरल सहित - में एसआईआर के अगले चरण के शुभारंभ की घोषणा के तुरंत बाद आई, जबकि उन्होंने कहा कि बिहार चरण शून्य अपील के साथ समाप्त हो गया था। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पार्टी को चुनाव आयोग के इस कदम पर तीन मुख्य आपत्तियाँ हैं। उन्होंने मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के कुछ पहलुओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं का हवाला देते हुए पूछा, "जब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो चुनाव आयोग देशव्यापी एसआईआर लागू करने के लिए इतना उत्सुक क्यों है? 

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उन्होंने कथित अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर पारदर्शिता के अभाव पर भी सवाल उठाया। तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने अवैध प्रवासियों के बारे में कोई जानकारी क्यों नहीं साझा की, जबकि बिहार में भाजपा ने इस विषय का राजनीतिक इस्तेमाल किया था? चुनिंदा क्रियान्वयन का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि असम के लिए SIR क्यों नहीं? यह सत्तारूढ़ सरकार पर एक तमाचा है और मोदी-शाह की पूरी तरह से विफलता है, क्योंकि उनके बार-बार दावों के बावजूद किसी भी अवैध प्रवासी का पता नहीं चला है। 

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