गोवा से शुरू हुई कांग्रेस छोड़ो यात्रा, 8 विधायकों ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा

Goa Congress MLAs
ANI

आज जब मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कांग्रेस विधायकों का भाजपा में स्वागत किया तो उनकी बॉडी लैंग्वेज भी बता रही थी कि ऑपरेशन लोटस काफी समय से चल रहा था। सावंत ने इस अवसर पर कहा कि गोवा से कांग्रेस छोड़ो यात्रा शुरू हो चुकी है।

राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा से वास्तव में कितने लोग कांग्रेस से जुड़ेंगे यह तो वक्त ही बतायेगा फिलहाल का सच तो यह है कि नेता कांग्रेस को छोड़ते जा रहे हैं। पहले खबरें आती थीं कि किसी राज्य में एक या दो प्रमुख नेता कांग्रेस छोड़ गये लेकिन अब तो सामूहिक रूप से कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। गोवा में कांग्रेस के कुल 11 विधायक हैं जिसमें से 8 विधायक आज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये। सवाल यह है यदि गोवा से शुरू हुआ कांग्रेस छोड़ो अभियान आगे बढ़ा तो कई और राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

गोवा में जिन कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की उपस्थिति में भाजपा का दामन थामा उनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिगबंर कामत, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो, दलीला लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, एलेक्सी सिकेरा और रूडोल्फ फर्नांडीस शामिल हैं। हम आपको याद दिला दें कि अभी कुछ समय पहले जुलाई भी इस तरह की खबरें आई थीं कि गोवा में कांग्रेस के विधायक बड़ी संख्या में भाजपा का दामन थाम सकते हैं लेकिन तब कांग्रेस ने कहा था कि पार्टी के भीतर का विवाद खत्म कर लिया गया है लेकिन विधायकों ने कहा था कि भाजपा में जाना अब सिर्फ समय की बात है।

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आज जब मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कांग्रेस विधायकों का भाजपा में स्वागत किया तो उनकी बॉडी लैंग्वेज भी बता रही थी कि ऑपरेशन लोटस काफी समय से चल रहा था। सावंत ने इस अवसर पर कहा कि गोवा से कांग्रेस छोड़ो यात्रा शुरू हो चुकी है अब इसी तरह से सभी बीजेपी से जुड़ेंगे। बताया जा रहा है कि 68 वर्षीय दिगम्बर कामत ने हाल ही में दिल्ली की यात्रा की थी जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया।

हम आपको बता दें कि इस साल के शुरू में हुए गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान उम्मीदवार तय करते समय कांग्रेस ने सभी को मंदिर, दरगाह, चर्च आदि धार्मिक स्थलों पर ले जाकर शपथ पत्र लिया था कि वह पार्टी को नहीं छोड़ेंगे लेकिन पार्टी के विधायक शपथ पत्र पर कायम नहीं रहे। अब देखना होगा कि इन विधायकों को सावंत सरकार में क्या भूमिकाएं मिलती हैं। हम आपको यह भी याद दिला दें कि गोवा में पिछली विधानसभा के दौरान भी साल 2019 में कांग्रेस के दस विधायक भाजपा में शामिल हो गये थे। वैसे गोवा में आयाराम गयाराम की राजनीति कोई नई बात नहीं है। यह राज्य अपने गठन के समय से ही इस तरह की राजनीति का गवाह रहा है।

इस बीच, इस प्रकार की भी रिपोर्टें हैं कि गोवा में कांग्रेस के विधायक दल ने भाजपा में विलय के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है। नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो ने सात अन्य विधायकों की मौजूदगी में प्रस्ताव पेश किया और पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक दिगंबर कामत तथा अन्य ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। माना जा रहा है कि यह दांव इसलिए चला गया ताकि विधायकों की विधानसभा सदस्यता पर कोई खतरा नहीं आये। उधर, इस घटनाक्रम से भाजपा की राजनीतिक ताकत में जोरदार इजाफा हुआ है क्योंकि पहले 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 11 जबकि भाजपा के 20 सदस्य थे।

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