विदेश यात्रा पर गये पीएम मोदी को कांग्रेस ने घेरा... सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता और मणिपुर का दौरा अब तक क्यों नही किया?

Congress
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रेनू तिवारी । Jul 10 2025 10:13AM

मानसून सत्र का एजेंडा तय करने के लिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के साथ हिंसा प्रभावित मणिपुर जाने, पहलगाम के आतंकवादियों को अब तक न्याय के कठघरे में क्यों नहीं लाया गया है, इसकी समीक्षा करने और अपने गृह राज्य में लगातार गिरते-ढहते, नाकाम होते बुनियादी ढांचे पर विचार करने के लिए समय निकाल सकते हैं।

जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी पांच देशों की विदेश यात्रा पर गयी है तब से कांग्रेस पीएम मोदी पर जमकर निशाना साथ रही है। वह लगातार सरकार पर सवालों की बरसात कर रही है। जब पीएम मोदी स्वदेश वापस आने वाले है तो कांग्रेस ने एक बार फिर से पीएस मोदी पर  मानसून सत्र के एजेंडा पर विचार न करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पांच देशों की आधिकारिक यात्रा संपन्न होने के बाद बृहस्पतिवार को तंज भरे लहजे में कहा कि अब वह चाहें तो मानसून सत्र का एजेंडा तय करने के लिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के साथ हिंसा प्रभावित मणिपुर जाने, पहलगाम के आतंकवादियों को अब तक न्याय के कठघरे में क्यों नहीं लाया गया है, इसकी समीक्षा करने और अपने गृह राज्य में लगातार गिरते-ढहते, नाकाम होते बुनियादी ढांचे पर विचार करने के लिए समय निकाल सकते हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा पांच देशों - घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत अपने ‘सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर’ प्रधानमंत्री का स्वागत करता है, जो शायद अगली विदेश यात्रा से पहले तीन हफ्तों के लिए देश में रहेंगे।’’

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब जब वे देश में हैं, तो शायद उन्हें मणिपुर जाने का समय मिल जाए, जहां लोग दो साल से अधिक समय से उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता का कहना है, ‘‘वह यह भी समीक्षा कर सकते हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के दोषियों को अब तक न्याय के कठघरे में क्यों नहीं लाया गया, अपने गृह राज्य में लगातार गिरते-ढहते, नाकाम होते बुनियादी ढांचे पर ध्यान दे सकते हैं, और बाढ़ से तबाह हिमाचल प्रदेश के लिए सहायता राशि मंजूर कर सकते हैं।’’

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रमेश ने कहा, ‘‘वह चाहें तो जीएसटी में व्यापक सुधार पर भी ध्यान दे सकते हैं, जिससे आम उपभोग को प्रोत्साहन मिल सके और कुछ खास बड़े कॉरपोरेट समूहों के अलावा बाकी निजी कंपनियों को भी निवेश के लिए प्रेरित किया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि बदलाव के तौर पर वह मानसून सत्र के लिए एजेंडा तय करने के उद्देश्य से सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता भी कर सकते हैं। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है।

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