कांग्रेस ने अजय मिश्रा की बर्खास्तगी नहीं होने पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा

Congress Working Committee

सीडब्ल्यूसी ने आरोप लगाया, ‘‘लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला मोदी सरकार के कारनामों का एक और दुखद व लज्जाविहीन पहलू है। भारत ने लोकतंत्र के रूप अपनी मान्यता खो दी है, इसे अब निर्वाचित अधिनायकवाद के रूप में देखा जाने लगा है। संसद की तिरस्कारपूर्ण अवमानना की गई।’’

नयी दिल्ली| कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने लखीमपुर हिंसा में मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त नहीं किए जाने को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यह घटना भाजपा की ‘हठधर्मिता’ को दिखाती है।

सीडब्ल्यूसी की बैठक में ‘‘गंभीर कृषि संकट और भारत के किसानों पर बर्बर हमला’’ विषय पर प्रस्ताव पारित कर तीनों कृषि कानूनों को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘खेती के तीन ‘काले कानून’ मोदी सरकार द्वारा मुट्ठीभर पूंजीपति मित्रों को मुनाफा कमवाने के लिए भारत के अन्नदाता किसानों का दमन करने की एक कुत्सित साजिश की पराकाष्ठा है।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस ने अमित शाह से पूछा, सरकार कब तक चीन को भारतीय सीमा से बाहर करेगी

साढ़े दस महीनों से, लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अपने हक की इस लड़ाई में लगभग एक हजार किसान अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन मोदी सरकार उनकी बात तक सुनने को तैयार नहीं।’’ सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलकर मारने की घटना सरकार की हठधर्मिता प्रदर्शित करती है। यह घटनाकेंद्रीय गृह राज्य मंत्री की ओर से सार्वजनिक रूप से धमकी दिए जाने के बाद घटित हुई। इस धमकी से उनका संदिग्ध अतीत स्पष्ट होता है।’’

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘जब कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में जनता द्वारा दबाव डाले जाने पर गृह मामलों के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे को आरोपी मानकर गिरफ्तार कर लिया गया है, तब भी प्रधानमंत्री जी ने मंत्री को बर्खास्त करने से इंकार कर दिया है। कांग्रेस कार्यसमिति राहुल गांधी द्वारा साहस व निरंतरता से किसानों के मुद्दों के लिए लड़ने और प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा दृढ़ता से उत्तर प्रदेश में किसानों की हत्या के खिलाफ लड़ाई की सराहना करती है।’’

सीडब्ल्यूसी ने आरोप लगाया, ‘‘लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला मोदी सरकार के कारनामों का एक और दुखद व लज्जाविहीन पहलू है। भारत ने लोकतंत्र के रूप अपनी मान्यता खो दी है, इसे अब निर्वाचित अधिनायकवाद के रूप में देखा जाने लगा है। संसद की तिरस्कारपूर्ण अवमानना की गई।’’

उसने कहा, ‘‘मीडिया को झूठे मामलों में फंसाकर और छापे मारकर अपने वश में करने के लिए धमकाया गया। गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को धमकाया गया और उनकी कल्याणकारी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई। लोगों की आवाज दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का व्यापक रूप से दुरुपयोग किया गया।’’

कांग्रेस की सर्वोच्च इकाई ने कहा, ‘‘सरकार ने दुर्भावनापूर्ण स्पाइवेयर द्वारा गुप्त रूप से लोगों के व्यक्तिगत जीवन में घुसपैठ की। लोकतंत्र के हर पहलू को कमजोर किया गया। कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार द्वारा भारत देश को ‘नागरिकों के ऊपर जासूसी और पुलिस द्वारा निगरानी तंत्र’ में बदलने के हर षडयंत्रकारी प्रयास का विरोध करेगी।’’ प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति का विश्वास है कि हमारी जिम्मेदारी है, लोगों को आने वाले खतरों के प्रति आगाह करना। हम ऐसा करते हुए सभी लोकतांत्रिक दलों और शक्तियों से आह्वान करते हैं कि सभी मिलकर मोदी सरकार से उत्पन्न इन चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला करें, ताकि देश के नागरिकों की बेहतरी हो सके और उन मूल्यों का संरक्षण हो, जिन पर इस देश का निर्माण हुआ था।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस ने बिहार उपचुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किये

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़