लोकतंत्र के लिए संवैधानिक संस्थाओं का सहयोग जरूरी: ओम बिरला
साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि इस प्रकार के कार्यक्रम विधानसभाओं में भी किए जा सकते हैं। बिरला ने ‘प्रिज्म’ पर भी चर्चा की। यह एक नयी सेवा है जो बजट सत्र के दौरान संसद में शुरू की गई है। इसका मकसद सांसदों को संसदीय शोध और सूचना मुहैया कराना है।
शिलांग। लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि सभी संवैधानिक संस्थाएं एकदूसरे का सहयोग करें और एक दूसरे की पूरक बनें। बिरला मेघालय विधानसभा के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘‘ लोकतंत्र को तभी मजबूत किया जा सकता है जब सभी संवैधानिक संस्थान अपने संवैधानिक न्यायक्षेत्र में रहते हुए एक दूसरे के साथ तालमेल बैठाते हुए काम करें। सभी संस्थाओं को एक दूसरे का पूरक बनना चाहिए।’’
स्पीकर ने कहा,‘‘चर्चा के दौरान असहमतियां हो सकतीं हैं, लेकिन हमें इतना आगे नहीं बढ़ना चाहिए कि गतिरोध बन जाए। हमारी चर्चा को देश की जनता के कल्याण का साधन बनना चाहिए।’’ बिरला दो दिन की मेघालय की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि संसद में उनकी प्राथमिकता महिलाओं, युवाओं और नवनिर्वाचित सांसदों को संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं से अवगत कराना है। उन्होंने सदस्यों के व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए लोक सभा में हाल में उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया जिनमें निचले सदन में पेश किए जा रहे विधेयकों पर जानकारी सत्र आयोजित करना शामिल है।Visited the construction site of new building of Meghalaya Legislative Assembly. The new building, reflecting rich cultural heritage of the State, will be equipped with modern facilities.Shared my views with CM @SangmaConrad & Speaker Lyngdoh ji on value addition in new building. pic.twitter.com/tuj2a0tlW1
— Om Birla (@ombirlakota) February 25, 2021
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साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि इस प्रकार के कार्यक्रम विधानसभाओं में भी किए जा सकते हैं। बिरला ने ‘प्रिज्म’ पर भी चर्चा की। यह एक नयी सेवा है जो बजट सत्र के दौरान संसद में शुरू की गई है। इसका मकसद सांसदों को संसदीय शोध और सूचना मुहैया कराना है।
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