कोरोना का प्रकोप काबू में है, लॉकडाउन नहीं होता तो अब तक संक्रमण के एक लाख मामले होते: सरकार
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Apr 24 2020 9:19PM
संक्रमण के लक्षण नजर आने पर इन लोगों के नमूने जांच के लिए लिये जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 28 दिन में 15 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया है जबकि 80 जिले ऐसे हैं जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है।
नयी दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा करना समय पर उठाया गया कदम था और अगर यह फैसला नहीं लिया गया होता तो भारत में अब तक कोविड-19 के एक लाख मामले होते। अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में वायरस का प्रकोप नियंत्रण में है। उन्होंने इसका श्रेय मजबूत निगरानी नेटवर्क, लॉकडाउन और नियंत्रण के अन्य उपायों को दिया। स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर बनाने, अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोगों की परेशानियों को दूर करने के बारे में सुझाव देने के लिए जो 11 अधिकार प्राप्त समूह बनाए गए हैं उनमें से एक समूह ‘एम्पावर्ड ग्रुप वन’ के अध्यक्ष एवं नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने बताया कि उनके आकलन के मुताबिक कोविड-19 के मामले भारत में दोगुने होने की रफ्तार को कम करने में लॉकडाउन प्रभावी रहा है, यह दर अभी दस दिन है।
उन्होंने बताया, ‘‘21 मार्च तक हर तीन दिन में संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे थे। जनता कर्फ्यू लगने के बाद 23 मार्च को महत्वपूर्ण मोड़ आया तथा मामले दोगुने होने की दर बढ़कर पांच दिन हो गई। तब तक हम यात्रा प्रतिबंध लगा चुके थे और सामाजिक दूरी का वातावरण तैयार कर चुके थे। बीच में कुछ गड़बड़ियां हुईं और हम थोड़ा पिछड़ गए। लेकिन छह अप्रैल से इसमें सुधार आने लगा।’’ पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का फैसला ‘‘समय रहते उठाया गया एक लाभदायक कदम’’ साबित हुआ और देश में कोविड-19 मामलों की रफ्तार में आया बदलाव इसकी पुष्टि करता है। उन्होंने कहा, ‘‘अब यह ग्राफ समतल होना शुरू हो गया है। अगर हमने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया होता तो अनुमान के मुताबिक अब तक कोविड-19 के करीब एक लाख मामले होते। अब महामारी का प्रकोप काबू में है।Our analysis shows lockdown has been effective in slowing the doubling rate of #COVID2019 and saved lives. The lockdown decision was timely as the around 23,000 cases in India today could have been 73,000: Dr VK Paul, Niti Aayog member and Chairman of Empowered Group 1. pic.twitter.com/gPF2SwS5Nc
— ANI (@ANI) April 24, 2020
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राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एस. के. सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निगरानी अहम अस्त्र रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने निगरानी व्यवस्था तब से शुरू कर दी थी जब देश में पहला मामला भी सामने नहीं आया था। इस कदम ने संक्रमण फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’ उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि इस समय करीब 9.45 लाख संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है। संक्रमण के लक्षण नजर आने पर इन लोगों के नमूने जांच के लिए लिये जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 28 दिन में 15 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया है जबकि 80 जिले ऐसे हैं जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह से 24 घंटे की अवधि में कोविड-19 के 1,684 मामले सामने आए जिसके साथ देश में संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या 23,077 हो गई। अग्रवाल ने बताया, ‘‘अब तक संक्रमण के कुल मामलों में से 20.57 फीसदी यानी 4,748 लोग ठीक हो चुके हैं।डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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