व्यापम घोटाले को लेकर कोर्ट ने 6 आरोपियों को ठहराया दोषी, सुनाई 5 साल की कारावास सजा

Vyapam examination scam
सुयश भट्ट । Jan 8 2022 1:21PM

सीबीआई ने व्यापमं द्वारा 20 जून 2010 को शासकीय पीजी कॉलेज गुना में कराई गई उक्त परीक्षा में प्रतिरूपण के आरोप में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप लगाया गया था कि परीक्षा केंद्र पर 2 उम्मीदवारों- जितेंद्र कुमार राजपूत और दीपक प्रजापति के फोटो उन परीक्षार्थियों से मेल नहीं खाते थे, जो इन 2 उम्मीदवारों के रोल नंबर पर उक्त परीक्षा दे रहे थे।

भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में विशेष न्यायाधीश ने व्यापम को लेकर सुनवाई की। इस मामलों को लेकर अदालत ने व्यापम घोटाले में शामिल 6 आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें सीबीआई की रिहाई के अनुसार शुक्रवार को 5 साल के कठोर कारावास और 3700 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

दरअसल यह घोटाला मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल द्वारा आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी)-2010 से संबंधित था, जिसे आमतौर पर व्यापम के नाम से जाना जाता है।

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वहीं दोषी व्यक्तियों में मोहम्मद इमरान और राजेश प्रसाद, जो कि प्रतिरूपण थे, दीपक प्रजापति और जितेंद्र कुमार राजपूत जो परीक्षा में उम्मीदवार थे और सुरेश कुमार पटेल और वेद रतन जो घोटाले में बिचौलिए थे।

सीबीआई ने व्यापमं द्वारा 20 जून 2010 को शासकीय पीजी कॉलेज गुना में कराई गई उक्त परीक्षा में प्रतिरूपण के आरोप में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप लगाया गया था कि परीक्षा केंद्र पर 2 उम्मीदवारों- जितेंद्र कुमार राजपूत और दीपक प्रजापति के फोटो उन परीक्षार्थियों से मेल नहीं खाते थे, जो इन 2 उम्मीदवारों के रोल नंबर पर उक्त परीक्षा दे रहे थे।

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उक्त प्रतिरूपणकर्ताओं की पहचान मोहम्मद इमरान और राजेश प्रसाद के रूप में की गई थी और वे क्रमशः जितेंद्र कुमार राजपूत और दीपक प्रजापति उम्मीदवारों का रूप धारण कर रहे थे। शासकीय पीजी कॉलेज गुना के परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई है। गुना और उक्त प्रतिरूपणकर्ताओं के खिलाफ एक प्राथमिकी (नंबर 249/2010 दिनांक 20 जून, 2010) दर्ज की गई थी।

राज्य पुलिस ने जांच के दौरान चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने राज्य पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद उम्मीदवारों जितेंद्र कुमार राजपूत का पता लगाया था, जो प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से फरार थे। आरोपी के खिलाफ सबूत मजबूत किए गए हैं।

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राजेश प्रसाद, दीपक कुमार प्रजापति सहित आरोपियों के अंगूठे के निशान और हस्तलिपि पर विशेषज्ञ राय एकत्र की गई। जांच के बाद सीबीआई ने 28 जून 2016 को 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट और बाकी एक आरोपी के खिलाफ 31 मई 2017 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की।

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