ट्रेनों के परिचालन में निजी इकाइयों को अनुमति देने को लेकर माकपा ने सरकार पर साधा निशाना

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वामपंथी पार्टी ने एक बयान में कहा कि रेलवे के ढांचे का उपयोग करके निजी क्षेत्र बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाएगा। उसने कहा, ‘‘भारतीय रेल हमारे देश को एक साथ जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण नेटवर्क है और यह करोड़ों लोगों को सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदान करता है।

नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कई रेल मार्गों पर निजी इकाइयों को यात्री ट्रेनों के परिचालन की अनुमति देने के फैसले का विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह कदम ‘भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के आधार को कमजोर करता है’ और ऐसे में इस निर्णय को रद्द किया जाना चाहिए। वामपंथी पार्टी ने एक बयान में कहा कि रेलवे के ढांचे का उपयोग करके निजी क्षेत्र बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाएगा। उसने कहा, ‘‘भारतीय रेल हमारे देश को एक साथ जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण नेटवर्क है और यह करोड़ों लोगों को सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदान करता है। 

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करोड़ों लोगों की जीविका रेल पर निर्भर है। ’’ माकपा ने कहा, ‘‘यह निजीकरण भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के आधार को कमजोर करता है।’’ गौरतलब है कि रेलवे ने बुधवार को अपने नेटवर्क पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिये निजी इकाइयों को अनुमति देने की योजना पर औपचारिक रूप से कदम उठाया। इसके तहत यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही को लेकर 109 मार्गों पर 151 आधुनिक ट्रेनों के जरिये परिचालन के लिए पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गये हैं। रेलवे ने कहा कि इसमें निजी क्षेत्र से करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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