नोएडा में साइबर अपराधियों ने दो बुजुर्गों को ‘डिजिल अरेस्ट’ कर करीब चार करोड़ रुपये ठगे

Digital Arrest
प्रतिरूप फोटो
Creative Common

पीड़ित ने बताया कि उन्हें 18 जून से 30 जून तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके रखा गया और इस बीच आरोपियों ने मदद करने के बहाने उनसे अपने विभिन्न खातों में तीन बार में 49 लाख 50 हजार रुपये डलवा लिए।

उत्त्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में साइबर अपराधियों ने अलग-अलग मामलों में एक महिला वकील समेत दो बुजुर्गों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उनसे करीब चार करोड़ रुपये की कथित तौर पर ठगी कर ली। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पहले मामले में, अधिकारियों ने बताया कि 72 वर्षीय महिला वकील ने थाना साइबर अपराध में यह रिपोर्ट दर्ज कराई है कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने उन्हें कई दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उनसे तीन करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये की ठगी की।

थाना साइबर अपराध के एक अधिकारी के मुताबिक, पीड़िता हेमंतिका वाही ने मंगलवार को थाने में दी अपनी शिकायत में कहा कि 10 जून को उन्हें एक फोन आया और कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके आधार कार्ड का उपयोग कर चार बैंक खाते खोले गए हैं और इस संबंध एक मुकदमा दर्ज हुआ है।

पीड़िता की शिकायत के अनुसार, इन खातों में मिले पैसों का इस्तेमाल जुआ, ब्लैकमेलिंग, हथियारों की अवैध खरीद आदि में किया गया है, इसलिए वह एक फोन नंबर पर संपर्क करें। अधिकारी ने बताया कि उपलब्ध कराये गए नंबर पर जब पीड़िता ने संपर्क किया तो उनसे कहा गया कि वह गंभीर अपराध में शामिल हैं।

महिला के अनुसार, इसके बाद उन्हें फर्जी थाने से कॉल आने लगे और उनसे बैंकों में जमा राशि का विवरण पूछा गया तथा तीन करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपयेकी ठगी कर ली गई।

वहीं, दूसरे मामले में निजी कंपनी से सेवानिवृत्त हुए 75 वर्षीय बुजुर्ग को 12 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ रख कर साइबर अपराधियों ने 49.5 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने बताया कि नोएडा के सेक्टर 29 में रहने वाले राजीव कुमार ने मंगलवार रात थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 18 जून को उनके लैंडलाइन पर एक कॉल आया और फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके फोन नंबर और आधार कार्ड का उपयोग कर चार बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, आतंकी गतिविधियों के लिए धन शोधन के वास्ते किया जा रहा है और उनका फोन नंबर दो घंटे में बंद कर दिया जाएगा।

उनके मुताबिक, बुजुर्ग व्यक्ति ने ठगों से इस मामले से बाहर निकालने का अनुरोध किया, तो आरोपियों ने गोपनीय समझौते की बात कही तथा यह कहा कि वह कोई भी जानकारी किसी से साझा नहीं करें, अपनी पत्नी को साथ रखें और अपने बच्चों को भी इस बारे में कुछ नहीं बताएं।

पीड़ित ने बताया कि उन्हें 18 जून से 30 जून तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके रखा गया और इस बीच आरोपियों ने मदद करने के बहाने उनसे अपने विभिन्न खातों में तीन बार में 49 लाख 50 हजार रुपये डलवा लिए। यादव ने बताया कि पीड़ित ने मंगलवार साइबर अपराध थाने में मामले की शिकायत की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़