सरकारी कर्मचारियों पर पड़ी कोरोना की मार, केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगाई

DA hike

इस फैसले का सरकार के 50 लाख कर्मचारियों तथा 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते में एक जनवरी 2020 से मिलने वाली किस्त को रोकने का निर्णय लिया गया है।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी का असर अब सरकारी कर्मचारियों पर भी पड़ने लगा है। केंद्र सरकार ने इस संकट के कारण बढ़ते वित्तीय बोझ के चलते सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में अगले साल जुलाई तक कोई वृद्धि नहीं करने का फैसला किया है। इस फैसले का केन्द्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों तथा 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया है,‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते में एक जनवरी 2020 से मिलने वाली किस्त को रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 में दी जाने वाली महंगाई भत्ते की अगली किस्त के भुगतान पर भी रोक लगाने का निर्णय लिया गया है।’’ 

इसे भी पढ़ें: पासवान ने NFSA के तहत अनाज नहीं पा रहे 14 लाख लोगों की बिहार सरकार से मांगी सूची 

हालांकि, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मौजूदा दर पर महंगाई भत्ते का लाभ मिलता रहेगा। ज्ञापन में कहा गया है कि एक जुलाई 2021 के बाद जब भी सरकार महंगाई भत्ते और मंहगाई राहत की अगली किस्त जारी करने का फैसला करेगी, उस समय एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 में प्रभावी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की बढ़ी दर को आगे के लिये इसमें समाहित कर दिया जायेगा और एक जुलाई 2021 से उसी बढ़ी दर पर भत्ता दिया जायेगा। हालांकि, इसमें स्पष्ट किया गया है कि एक जनवरी 20201 से लेकर 30 जून 2021 तक की अवधि के लिये महंगाई भत्ते अथवा महंगाई राहत के बकाये का भुगतान नहीं किया जायेगा। 

इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन के चलते नहीं मिल रही शराब, नींद की समस्या और चिड़चिड़ेपन का हो रहे शिकार 

सूत्रों के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि को रोकने के इस कदम से सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी। आमतौर पर इस मामले में राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार का अनुसरण करतीं हैं। राज्य सरकारों को जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ते की बढ़ी दर पर भुगतान नहीं करने से82,566 करोड़ रुपये तक की बचत होगी। कुल मिलाकर केंद्र और राज्यों के स्तर पर इससे 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे सरकारों को राजस्व के संग्रह में आ रही कमी के संकट से जूझने में मदद मिलेगी। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी 2020 में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाकर 21 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था। नये निर्णय से इस वृद्धि पर भी रोक लग गयी है। अब अगले साल जुलाई तक महंगाई भत्ते की प्रभावी दर 17 प्रतिशत ही रहेगी।

इसे भी देखें : लॉकडाउन में गरीब परिवारों और किसानों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़