कोरोना से मृत्यु दर 2.25 प्रतिशत, ठीक होने की दर 64 प्रतिशत से अधिक: स्वास्थ्य मंत्रालय

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मंत्रालय ने कहा है कि एम्स, नयी दिल्ली की विशेषज्ञ टीम द्वारा राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को संक्रमण के मामलों से निपटने में मदद की जा रही है। संक्रमित मरीज की जल्दी पहचान की जा रही है और उन्हें पृथक-वास में भेजा जा रहा है।

नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 18 जून को कोविड-19 से मृत्यु दर 3.33 प्रतिशत थी जो अब घटकर 2.25 प्रतिशत हो गयी है। वहीं, मध्य जून में ठीक होने की दर करीब 53 प्रतिशत थी जो अब 64 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है। मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 35,176 मरीजों को छुट्टी मिलने के साथ देश में संक्रमण से ठीक हुए लोगों की संख्या 9,52,743 हो गयी है। लगातार पाचवें दिन देश में 30,000 से ज्यादा लोग संक्रमण से ठीक हो गए। कोविड-19 के47,703 नए मामले आने से मंगलवार को संक्रमित मरीजों की संख्या 14,83,156 हो गयी। संक्रमण से 654 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 33,425 हो गयी है। मंत्रालय ने बताया, ‘‘मध्य जून में कोविड-19 से मृत्यु दर 3.33 प्रतिशत थी जो मंगलवार को घटकर 2.25 प्रतिशत हो गयी। भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां मृत्यु दर कम है।’’ मंत्रालय ने कहा है कि निषिद्ध क्षेत्र को लेकर बनायी गयी ठोस रणनीति, घर-घर जाकर जांच करने, जांच की संख्या बढ़ाने और अस्पताल के मामलों में प्रभावी प्रबंधन जैसे प्रयासों की बदौलत मृत्यु दर को कम करने में कामयाबी मिली है। मंत्रालय ने कहा कि अस्पतालों के बोझ को कम करना सुनिश्चित किया गया और बिना लक्षण वाले मरीजों को निगरानी में घर में पृथक-वास में रखने की पहल की गई। केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों ने गंभीर मामलों से निपटने में प्रभावी तरीके अपनाए। स्वास्थ्य क्षेत्र के जमीनी कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल करते हुए अत्यधिक जोखिम वाली आबादी की, प्राथमिकता के साथ देखभाल करने के लिए कदम उठाए गए। इन सब प्रयासों से देश में कोविड-19 की मृत्यु दर को कम करने में मदद मिली। इस दौरान, त्रि-स्तरीय अस्पतालों के ढांचे को भी बेहतर बनाया गया। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मध्य जून में ठीक होने की दर 53 प्रतिशत थी जो मंगलवार को 64.24 प्रतिशत हो गयी है। वर्तमान में संक्रमण के 4,96,988 मामले हैं और सारे मरीज चिकित्सकीय निगरानी में हैं। 

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मंत्रालय ने कहा है कि एम्स, नयी दिल्ली की विशेषज्ञ टीम द्वारा राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को संक्रमण के मामलों से निपटने में मदद की जा रही है। संक्रमित मरीज की जल्दी पहचान की जा रही है और उन्हें पृथक-वास में भेजा जा रहा है। इसके साथ ही अस्पताल के मामलों में प्रभावी प्रबंधन को लेकर कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय दल का भी लगातार दौरा हो रहा है। इन सब प्रयासों की बदौलत मृत्यु दर कम हो रही है और ठीक होने की दर बेहतर हो रही है। लगातार दो दिनों तक एक दिन में पांच लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की गयी। देश में 26 जुलाई को 5,15,000 नमूनों और 27 जुलाई को 5,28,082 नमूनों की जांच की गयी। देश में अब तक कुल मिलाकर 1,73,34,885 जांच की गयी है। भारत में जांच की क्षमता को और मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नोएडा, मुंबई और कोलकाता में तीन अत्याधुनिक जांच केंद्रों की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने की दर भी अन्य देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है और दिनोंदिन सुधार भी हो रहा है। मंत्रालय ने कहा कि देश में 1310 प्रयोगशालाएं हैं। इनमें से 905 सरकारी और 405 निजी प्रयोगशाला हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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