भाजपा में चल रही नफरत की राजनीति के कारण लिया पार्टी छोड़ने का फैसला: बाबुल सुप्रियो

Babul Supriyo
प्रतिरूप फोटो

सुप्रियो पिछले सितंबर में भाजपा छोड़कर ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। केंद्र में मंत्रिपद से हटाए जाने के कुछ ही दिन बाद सुप्रियो ने भाजपा छोड़ दी थी।

कोलकाता| पश्चिम बंगाल में बालीगंज विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के सदस्यों द्वारा की जाने वाली नफरत और विभाजनकारी वाली राजनीति के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया था।

सुप्रियो पिछले सितंबर में भाजपा छोड़कर ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। केंद्र में मंत्रिपद से हटाए जाने के कुछ ही दिन बाद सुप्रियो ने भाजपा छोड़ दी थी।

दल बदलने को लेकर कई बार सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आने वाले सुप्रियो ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला नफरत और विभाजनकारी राजनीति (भाजपा में) किए जाने के कारण लिया था। मैं इस तरह की राजनीति से और जुड़ा नहीं रह सकता था।

उन्होंने कहा, आसनसोल के लोग जानते हैं कि मैंने कभी भी बंगाल में सांप्रदायिक और संकीर्ण मानसिकता वाली 70:30 या 80:20 जैसी राजनीति का सहारा नहीं लिया और ना ही कभी ऐसा करूंगा।

वामपंथी खेमे ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2018 में पश्चिम बर्द्धमान जिले के आसनसोल क्षेत्र में हुए दंगों के बाद तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुप्रियो ने धार्मिक भावनाओं को भड़काया था।

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