तकनीक के कारण नौकरियों में कमी एक बड़ी चुनौती: सुमित्रा महाजन

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[email protected] । Oct 17 2018 3:53PM

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में महाजन के हवाले से कहा गया है कि समूची मानवता नवोन्मेष की अगुवाई वाली प्रौद्योगिकीय एवं डिजिटल क्रांति के केंद्र में है जो पृथ्वी पर जीवन के हर पहलू को आकार दे रही है।

नयी दिल्ली। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के कारण नौकरियों में कमी एक अहम चुनौती है जिस पर चर्चा होनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसका निदान ढूंढना चाहिए। जिनेवा में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के 139वें सत्र को संबोधित करते हुए महाजन ने मंगलवार को कहा, ‘‘तकनीक और नवोन्मेष हमें सूचना, बेहतर जीवनशैली, संपर्क, संचार, सोशल नेटवर्किंग और मनोरंजन तक आसान पहुंच मुहैया कराते हैं, लेकिन इससे नौकरियों में कमी भी आती है, अकेलापन बढ़ता है, लत लगती है और मनोवैज्ञानिक विकार देखने को मिलते हैं।’

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में महाजन के हवाले से कहा गया है कि समूची मानवता नवोन्मेष की अगुवाई वाली प्रौद्योगिकीय एवं डिजिटल क्रांति के केंद्र में है जो पृथ्वी पर जीवन के हर पहलू को आकार दे रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल साधनों तक पहुंच में बड़े फर्क से वैश्विक शांति को खतरा पैदा हो सकता है। 

जिनेवा में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की अगुवाई कर रहीं महाजन ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी, महिला हितैषी साधनों, गरीब हितैषी शोध, कृत्रिम बुद्धिमता के प्रभाव और नौकरियों में कमी कुछ अहम चुनौतियां हैं जिन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को निश्चित तौर पर चर्चा करनी चाहिए और इनका निदान करना चाहिए। 

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