दिल्ली सरकार ने स्कूल पाठ्यक्रम में आंबेडकर पर पुस्तिकाएं शामिल की

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[email protected] । Dec 6 2019 7:18PM

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कक्षा छह से आठवीं तक के पाठ्यक्रम में डॉ बी आर आम्बेडकर के जीवन और कार्यों पर आधारित पुस्तिकाएं शामिल कीं। मुख्यमंत्री अरविंद ने इन पाठ्य पुस्तकों का विमोचन करते हुए कहा कि आम्बेडकर को केवल दलितों के नेता के रूप में बताकर लोग समाज में उनके योगदान को कम कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कक्षा छह से आठवीं तक के पाठ्यक्रम में डॉ बी आर आंबेडकर के जीवन और कार्यों पर आधारित पुस्तिकाएं शामिल कीं। आंबेडकर की 64 वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन पाठ्य पुस्तकों का विमोचन करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निजी स्कूल भी अपने पाठ्यक्रम में इन पुस्तिकाओं को शामिल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आंबेडकर को केवल दलितों के नेता के रूप में बताकर लोग समाज में उनके योगदान को कम कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग ही जानते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक के गठन, हिंदू संहिता विधेयक में महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करने और किसान कल्याण में भी उन्होंने योगदान दिया था ...हम अपने बच्चों को हर चीज बताना चाहते हैं।’’

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केजरीवाल ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के एकीकरण के लिए प्रयास किया तो बाबा साहेब आंबेडकर ने भारत को एकजुट रखने के लिए संविधान तैयार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महज पहला ड्राफ्ट है। अध्यापकों और छात्रों के सुझाव लेने के बाद हम इसमें और चीजें जोड़ेंगे। कुछ वर्षों के बाद हम आंबेडकर पर पूर्ण पाठ्यक्रम विकसित करने में सक्षम होंगे जिसे देश के हर स्कूल में पढ़ाया जा सकता है।  शिक्षा का कार्यभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आंबेडकर को सिर्फ जीवनी के रूप में नहीं पढ़ाया जा सकता।

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उन्होंने कहा,‘‘हम उनके विचार और सिद्धांत को कक्षाओं तक पहुंचाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि जिस जातिगत भेदभाव का आंबेडकर ने अपने शुरूआती दिनों में सामना किया, हर छात्र उन समस्याओं से खुद को जोड़ पाएं ताकि भविष्य में वह ऐसा किसी के साथ ना होने दें।’’ दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, ‘‘हममें से कुछ लोग ही जानते हैं कि 1934 में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना आंबेडकर द्वारा लिखित शोध पत्रों में से एक ‘भारत में रुपये की समस्या और इसका समाधान’ के आधार पर हुई थी। नोबेल विजेता अमर्त्य सेन अर्थशास्त्र में आंबेडकर को अपना गुरु मानते हैं।’’ संविधान निर्माता के रूप में पहचाने जाने वाले आंबेडकर का छह दिसंबर 1956 में निधन हो गया। उनकी पुण्यतिथि को देशभर में महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 

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