‘धर्म संसद’ में गौरक्षकों से जुड़ा निर्देश वापस लेने की मांग

Demands for withdrawal of instructions observers in ''Dharma Parishad

हिंदू संतों, मठाधीशों एवं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेताओं के सम्मेलन ‘धर्म संसद’ ने वह निर्देश वापस लेने की मांग की, जिसके बारे में दावा किया गया कि वह स्वयंभू गौरक्षकों के उत्पात के मुद्दे पर केंद्र की ओर से राज्यों को जारी किया गया है।

उडुपी (कर्नाटक)। हिंदू संतों, मठाधीशों एवं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेताओं के सम्मेलन ‘धर्म संसद’ ने वह निर्देश वापस लेने की मांग की, जिसके बारे में दावा किया गया कि वह स्वयंभू गौरक्षकों के उत्पात के मुद्दे पर केंद्र की ओर से राज्यों को जारी किया गया है। तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ के अंतिम दिन पत्रकारों से बातचीत में विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि सम्मेलन में इस बाबत एक प्रस्ताव पारित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने कुछ दिन पहले सभी राज्य सरकारों को यह अधिसूचना जारी की थी। हम केंद्र को बताना चाहते हैं कि वह गौरक्षकों के दस्तावेज तैयार न करे, बल्कि मवेशियों की तस्करी करने वालों के दस्तावेज तैयार करे।’’ जैन ने कहा कि सम्मेलन में पारित एक अन्य प्रस्ताव में उच्चतम न्यायालय से अपील की गई कि वह स्वयंभू गौरक्षकों के उत्पात पर लगाम लगाने के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों का दायरा बढ़ाए ताकि उसमें गाय मारने वालों को भी शामिल किया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘हम फर्जी गौरक्षकों की रक्षा नहीं करना चाहते। ऐसे बहुरूपियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए । लेकिन फर्जी गौरक्षकों पर लगाम लगाने की प्रक्रिया में ईमानदार गौरक्षकों को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम उच्चतम न्यायालय से अपील करते हैं कि वह नोडल अधिकारियों का दायरा बढ़ाएं और उसमें गौ हत्या करने वालों को भी शामिल करें।’’

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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