हिमाचल के मंदिरों में तालाबंदी से श्रद्धालु परेशान, स्थानीय व्यापारी परेशान

Himachal temples

प्रदेश के जिला कांगडा के चामुंडा ब्रजेश्वरी धाम कांगडा और बगलामुखी एवं ज्वालामुखी मंदिरों के अलावा चिंतपुर्णी बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध और नैना देवी में बडी तादाद में श्रद्धालु दर्शनों को आते हैं।

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में भले ही अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने के बाद कुछ रियायतें मिलने से जहां सडकों पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है वहीं बाजारों व दफतरों में भी रौनक लौट आई है लेकिन सरकार अभी भी कोरोना कर्फ्यू को पूरी तरह खत्म करने के मूड में नहीं है जिससे राज्य के मंदिरों के जल्द खुलने की उम्मीदों को झटका लगा है। प्रदेश के जिला कांगडा के चामुंडा ब्रजेश्वरी धाम कांगडा और बगलामुखी एवं ज्वालामुखी मंदिरों के अलावा चिंतपुर्णी बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध और नैना देवी में बडी तादाद में श्रद्धालु दर्शनों को आते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगाई गई बंदिशों की वजह से मंदिरों को भी बंद रखा गया है जिससे न केवल श्रद्धालु मायूस हैं बल्कि मंदिर नगरियों के स्थानीय दुकानदार व्यापारी भी परेशान हैं। उनका सारा काम धंधा इन मंदिरों पर ही टिका है।

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दरअसल, यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार मंदिरों को खोल देगी लेकिन हाल ही में केबिनेट मिटिंग में राज्य मंत्रिमंडल के सामने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रैजैंटेशन दी गई जिसमें स्वास्थय सचिव ने बताया कि अगर सर्तकता नहीं बरती गई तो एक बार फिर हालात बिगड़ सकते हैं। यही वजह है कि मंदिरों को खोलने के साथ दूसरे प्रतिबंधों में कोई भी ढील नहीं देने का फैसला लिया गया। सरकार के फैसले से साफ हो गया है कि प्रदेश के मंदिरों में अभी जल्दी कपाट नहीं खुलेंगे जिससे श्रद्धालुओं को ओर इंतजार करना पडेगा। देश दुनिया से बडी तादाद में रोजाना यहां श्रद्धालु दर्शनों को आते हैं व सरकार को भी अच्छा खासा राजस्व यहां आने वाले चढावे से होता है। लेकिन सरकार इस मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती यही वजह है कि मंदिरों को फिलहाल बंद रखने का फैसला लिया गया है। 

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रतिबंधों को बहुत लंबे समय तक जारी रखना संभव नहीं है। यदि कोरोना के मामले इसी गति से घटते गए तो प्रदेश सरकार आने वाले समय में कोरोना कर्फ्यू में और ढील देने पर विचार कर सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब प्रदेश धीरे-धीरे कोरोना की दूसरी लहर से बाहर आ रहा है, लेकिन अभी सतर्क रहना होगा, क्योंकि महामारी समाप्त नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों के लिए चिंताजनक साबित हो सकती है, इसलिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बाल रोग वार्ड और सेवाओं को सुदृढ़ करने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल रोग से संबंधित स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए।

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जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी हितधारकों के सक्रिय सहयोग से कोरोना महामारी की पहली लहर पर सफलतापूर्वक विजय प्राप्त की है और अब उम्मीद है कि प्रदेश धीरे-धीरे दूसरी लहर से बाहर आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अभी भी और अधिक सतर्क रहना होगा क्योंकि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों में धीरे-धीरे कमी के साथ प्रदेश के लोग लापरवाह हो सकते हैं इसलिए लोगों को और अधिक सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

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