हिमाचल भाजपा में सीएम को बदलने को लेकर पक रही है सियासी खिचड़ी

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जयराम ठाकुर अगले चुनावों तक सीएम रहेंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन सियासी महौल ऐसा बन रहा है कि राजनैतिक चर्चाओं का बाजार गरम है।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के दिल्ली दौरे की वापिसी के साथ ही प्रदेश की सियासत में अंदरखाते उन्हें हटाने को लेकर चर्चाएं जोर पकडने लगी हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड की तरज पर पार्टी आलाकमान हिमाचल में भी नये नेता को प्रदेश की कमान देने की उठ रही मांग का आकलन करने लगा है। जयराम ठाकुर अगले चुनावों तक सीएम रहेंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन सियासी महौल ऐसा बन रहा है कि राजनैतिक चर्चाओं का बाजार गरम है।

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यही वजह है कि इन दिनों खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने आपको कुछ असहज महसूस करने लगे हैं व दावा कर रहे हैं कि उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। यहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये उन्होंने कहा है कि वह आज जहां पर हैं, वर्ष 2022 में भी यहीं पर रहेंगे। यानी भाजपा अगला विधानसभा चुनाव भी उनकी अगुवाई में जीतेगी। उन्होंने प्रदेश में चल रही राजनैतिक चर्चाओं पर कहा कि मीडिया में उठ रही निराधार खबरों को कोई गंभीरता से नहीं लेता है और न ही लेने की आवश्यकता है। उन्होंने सनसनीखेज खबरें चलाने वालों को चेताया। दरअसल प्रदेश की सियासत में चुनाव से एक साल पहले नये नेता को कमान देने की खबरें यूं ही नहीं उठ रहीं। भाजपा का एक वर्ग मानने लगा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जय राम ठाकुर की जगह दूसरे नेता को आगे नहीं लाया गया तो पार्टी की सत्ता में वापिसी आसान नहीं होगी पार्टी के एक धडे को लगता है कि विधानसभा चुनाव पहले प्रदेष में होने वाले उपचुनावों में भी पार्टी मौजूदा नेतृत्व की अगुवाई में चुनाव नहीं जीत सकती।

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आरोप लगाया जा रहा है कि मौजूदा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर अपने साढे तीन साल के कार्यकाल में सबको साथ लेकर चलने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं जिससे पार्टी में गुटबाजी को बढावा मिला है व कई विधायक अपनी अनदेखी को लेकर सीएम से मुंह फुलाये बैठे हैं। कुछ विधायक प्रदेश केबिनेट में जगह में जदोजहद करते रहे लेकिन उन्हें नाकामी ही हाथ लगी। राजनैतिक नियुक्तियों में भी सीएम के मनमानी करने के आरोप लगते रहे हैं। बताया जा रहा है कि हिमाचल की कुर्सी पर केन्द्रिय मंत्री अनुराग ठाकुर की भी नजर है। पिछले चुनावों में प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद ही जय राम ठाकुर को पार्टी ने सीएम बनाया था। हालांकि चुनावों से पहले धूमल ही पार्टी के चेहरा थे। धूमल अनुराग ठाकुर के पिता हैं।  जिनका प्रदेश की सियासत में खासा दखल है और उनके करीब तीन दर्जन विधायक समर्थक हैं। सीएम जय राम ठाकुर भले ही पार्टी के राष्टरीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के करीबी हों लेकिन पार्टी के भीतर प्रदेश की राजनिति में उनका कोई खास दबदबा नहीं है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदेश की सियासत में उठापटक होनी तय है। इसकी भनक केन्द्रिय नेतृत्व को लग चुकी है जिसके चलते सीएम को दिल्ली बुलाया गया था।ॉ

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