सफेद पोश अपराध की अपराधिता की पहचान मुश्किल: अदालत

[email protected] । May 24 2017 5:40PM

दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि समाज में ऊंचा दर्जा रखने वाले कुशल दिमाग वाले सफेद पोश लोगों द्वारा किये जाने वाले अपराधों की अपराधिता की पहचान करना बेहद मुश्किल काम है।

कोयला घोटाला मामले में नौकरशाहों की संलिप्तता से जुड़े मामले को देख रही दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि समाज में ऊंचा दर्जा रखने वाले कुशल दिमाग वाले सफेद पोश लोगों द्वारा किये जाने वाले अपराधों की अपराधिता की पहचान करना बेहद मुश्किल काम है। पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों केएस क्रोफा और केसी समारिया को दोषी ठहराने और दो साल की कैद की सजा सुनाने वाली विशेष अदालत ने कहा कि सामान्य अपराध के मुकाबले सफेद पोश अपराध समाज के लिये ज्यादा खतरनाक होते हैं क्योंकि वे जनता के मनोबल को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।

विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने यह भी कहा कि ‘‘हाल ही में समाज में अच्छे खासे सामाजिक-आर्थिक स्तर के लोगों द्वारा अपने पेशे में गैर समाजिक गतिविधियों में शामिल होने, जिसे ‘सफेदपोश अपराध’ के तौर पर जाना जाता है, से कहीं बड़ा आर्थिक नुकसान होता है और इसने ध्यान खींचा है।’’

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