RSS और अमित शाह के सामने नतमस्तक हुए दिग्विजय, शान में कही ये बात
नर्मदा परिक्रमा के पड़ाव के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने भी हमारा सहयोग किया। उन्होंने कहा कि मैं संघ का आलोचक हूं, लेकिन मुझे यात्रा के दौरान संघ से जुड़े लोग मिलने आते थे। गुजरात में मुझे संघ से जुड़ी धर्मसाला में रुकने की व्यवस्था की गई।
भोपाल। सरस्वती शिशु मंदिर पर दिए गए बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्विजय सिंह ने RSS की तारीफ की। दिग्विजय सिंह का ‘नर्मदा के पथिक’ किताब के विमोचन कार्यक्रम में शामिल रहे। जहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह और संघ की जमकर तारीफ की।
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दरअसल दिग्विजय सिंह ने अपनी आप बीती सुनाई। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान जब हम गुजरात से महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश कर रहे थे तब रात हो चुकी थी। ऐसे समय में वन विभाग के अधिकारियों ने हमारे लिए व्यवस्था की। उन अधिकारियों ने बताया कि हमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह जी के निर्देश हैं कि दिग्विजय सिंह जी की नर्मदा परिक्रमा के दौरान हर प्रकार की व्यवस्था की जाए। उन्हें कोई तकलीफ न हो।
उन्होंने आगे बताया कि नर्मदा परिक्रमा के पड़ाव के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने भी हमारा सहयोग किया। उन्होंने कहा कि मैं संघ का आलोचक हूं, लेकिन मुझे यात्रा के दौरान संघ से जुड़े लोग मिलने आते थे। गुजरात में मुझे संघ से जुड़ी धर्मसाला में रुकने की व्यवस्था की गई।
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे मंडला के रेस्ट हाउस में देर रात सोते समय अनुभूति हुई कि नर्मदा परिक्रमा करें। मेरे विचार थे कि नर्मदा परिक्रमा हेलीकॉप्टर या कार से नहीं बल्कि पैदल की जाए। उन्होंने कहा कि मुझे इस यात्रा में हजारों लोगों का सहयोग मिला।
वहीं इस विमोचन कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उनकी पत्नी व इस यात्रा की सहयात्री अमृता राय ने यात्रा के दौरान आई चुनौतियां और उनके निराकरण से संबंधित बातें साझा की। अमृता राय ने कहा, 'यात्रा के दौरान नर्मदा किनारे बसे लोगों का प्रेम मेरे ऊपर इस कदर हावी हो गया था कि मुझे न बुखार की चिंता होती, न पैरों का दर्द महसूस होता, न खाने पीने का ख्याल रहता न ढंग से सो पाती थी। मुझे बस इस बात की उत्सुकता रहती की आगे फिर नई जगह जाएंगे, वहां नए लोगों से मिलेंगे, उनसे बातचीत करने और उन्हें जानने समझने की मौका मिलेगा।'
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