Tamil Nadu Politics | द्रमुक का अमित शाह से सीधा सवाल- 'काला कानून' सिर्फ विपक्ष के लिए क्यों?

केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान संशोधन विधेयक सहित कई मुद्दों पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन की आलोचना किए जाने के बाद, तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने पलटवार करते हुए एक बार फिर अपना रुख दोहराया है कि यह एक ‘‘काला’’ विधेयक है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान संशोधन विधेयक सहित कई मुद्दों पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन की आलोचना किए जाने के बाद, तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने पलटवार करते हुए एक बार फिर अपना रुख दोहराया है कि यह एक ‘‘काला’’ विधेयक है। द्रमुक के उप महासचिव एवं लोकसभा सदस्य ए. राजा ने केंद्रीय गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तिरुक्कुरल का जिक्र किया, लेकिन इससे भाजपा को वोट नहीं मिलेंगे।
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शाह ने पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन पर निशाना साधा और कहा कि स्टालिन को 130वें संविधान संशोधन विधेयक को ‘‘काला विधेयक’’ कहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने स्वयं ‘‘काले कारनामे’’ किए हैं। इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए जाने और लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पद से हटाए जाने का प्रावधान है जिसका विपक्ष कड़ा विरोध कर रहा है। शुक्रवार को द्रमुक द्वारा जारी एक बयान में ए. राजा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट में 28 मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और 39 प्रतिशत कैबिनेट सदस्यों की ‘‘आपराधिक पृष्ठभूमि’’ है।
राजा ने सवाल किया, ‘‘क्या यह कानून उन पर भी लागू होगा? क्या आप ऐसे कानून को ‘काला कानून’ नहीं कहेंगे, जिसे केवल उन लोगों को सत्ता से हटाने के लिए लाया गया है जिन्हें वे (भाजपा) पसंद नहीं करते? अगर यह एक अच्छा विधेयक है, तो यह केवल भाजपा पर ही क्यों लागू नहीं होता?’’
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राजा ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए यह विधेयक लेकर आई है, और जब स्टालिन ने इस ‘‘तानाशाही और काले कानून’’ के खिलाफ आवाज उठाई, तो इससे अमित शाह घबरा गए और ‘‘झूठ का पुलिंदा’’ पेश करने पर मजबूर हो गए। उन्होंने द्रमुक सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बताने के लिए भी शाह की आलोचना की और कहा कि उन्होंने 2016 और 2018 में अन्नाद्रमुक सरकारों के खिलाफ भी ऐसी ही टिप्पणियां की थीं।
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