Bhartiya Nyay Sanhita: हर दिल जो जिहाद करेगा, पहचाना जाएगा, धर्म छुपाकर शादी करने वाला 10 साल जेल की हवा खाएगा

पहचान छिपाकर शादी करने पर इस विशिष्ट प्रावधान को कुछ लोगों द्वारा गलत पहचान के तहत होने वाले अंतरधार्मिक विवाहों को लक्षित करने के रूप में देखा जा रहा है। 11 अगस्त को लोकसभा में बीएनएस विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित कानून महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों से सख्ती से निपटते हैं।
केंद्र सरकार ने तीन ऐसे बिल लोकसभा में पेश किए हैं जो कई कानूनों की नई परिभाषा तय कर सकते हैं। इन विधेयकों को पेश करते हुए शाह ने कहा कि देश में गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करने के पीएम मोदी सरकार के पांच प्रण के अनुरूप इन विधेयकों को लाया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023 1860 के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेगा। जिसमें धोखे से किसी महिला से शादी करने वालों पर मुकदमा चलाने का प्रावधान है। पहचान छिपाकर शादी करने पर इस विशिष्ट प्रावधान को कुछ लोगों द्वारा गलत पहचान के तहत होने वाले अंतरधार्मिक विवाहों को लक्षित करने के रूप में देखा जा रहा है। 11 अगस्त को लोकसभा में बीएनएस विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित कानून महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों से सख्ती से निपटते हैं।
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धारा 69 शादी के झूठे बहाने या धोखेबाज तरीकों से यौन संबंध के बारे में क्या कहती है?
इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली कई सामाजिक समस्याओं का समाधान किया गया है। प्रस्तावित कानून में पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने के अलावा रोजगार, पदोन्नति के झूठे वादे के तहत महिलाओं के साथ पहली बार संबंध बनाना अपराध होगा।
शादी का वादा कर संबंध रेप की श्रेणी से अलग
शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाने के मामले को भी कानून में अलग से परिभाषित किया गया है। नए कानून के तहत कहा गया है कि अगर कोई शादी का वादा कर संबंध बनाता है और वो वादा पूरा करने की मंशा नहीं रखता है तो ऐसे मामलों को रेप की परिभाषा से अलग रखा गया है। ऐसे में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 साल कैद की सजा हो सकती है।
पहली बार इसे किया गया शामिल
ऐसा पहली बार होगा जब शादी, रोजगार, पदोन्नति के झूठे वादे और झूठी पहचान के तहत महिलाओं के साथ संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आएगा। वहीं, 18 साल से कम उम्र की लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा होगी। हालांकि, अदालतें पहले भी शादी के वादे के आधार पर दुष्कर्म का दावा करने वाली महिलाओं के मामलों से निपटती हैं, लेकिन आईपीसी में इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है।
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लव जिहाद पर कैसे पड़ेगा असर
इस्लाम में जिहाद शब्द का अर्थ धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करना है। वर्तमान हालात में लव जिहाद एक गढ़ा हुआ शब्द है, जिसका मतलब शादी या प्रेम का झांसा देकर इस्लाम में धर्म परिवर्तन करवाने से समझा जाता है। माना जाता है कि लव जिहाद वह धोखा है, जिसके तहत कोई मुस्लिम युवक या आदमी किसी गैर मुस्लिम युवती या महिला को प्रेम का जाल बिछाकर मुस्लिम बनने पर मजबूर करता है। लव जिहाद के ज़्यादातर केसों में यौन शोषण संबंधी कानूनों के तहत मुकदमे चलते रहे हैं। अब इस बिल में पहचान छुपाकर शादी करने पर सजा मिलने का प्रावधान दिया गया है, जिससे माना जा रहा है कि ऐसे अपराध पर लगाम लग सकेगी।
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