बच्चों के लिए खतरनाक होगी कोरोना की तीसरी लहर? डॉ. गुलेरिया बोले- इस पर कोई डाटा नहीं
सरकार ने कुछ महीनों के लिए भीड़ की स्थिति से बचने की जरूरत पर भी बल दिया। हालांकि कुछ राज्यों ने नए मामलों की घटती संख्या को देखते हुए लॉकडाउन में ढील की घोषणा की है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण का रफ्तार कम होने लगा है। मौत के आंकड़ों में भी काफी गिरावट देखी जा रही है। रिकवरी रेट भी बढ़ता जा रहा है। इन सबके बीच इस बात का भी डर बना हुआ है कि तीसरी लहर कभी भी आ सकती है। दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होगी। इसी सवाल का जवाब देते हुए एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर फिलहाल कोई डाटा नहीं है। ऐसे में यह बता पाना मुश्किल है कि यह बच्चों के लिए कितना घातक होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की संक्रमण की लहरें आती हैं क्योंकि वायरस अपना रूप बदलता है। लॉकडाउन में संक्रमण कम फैलता है लेकिन जैसे ही लॉकडाउन खुलता है संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। फिर भी इस बात का कोई आधार नहीं है कि अगला लहर बच्चों के लिए खतरनाक होगी।
सरकार ने जोर दिया कि कोरोना वायरस की किसी संभावित लहर को टालने के लिए आगामी कुछ महीनों तक भीड़ से बचने और कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन किया चाहिए। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि देश में रोजाना कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने महामारी की स्थिति पर आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि सात मई को चरम स्तर पर पहुंचने के बाद से दैनिक नए मामलों में करीब 79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के संबंध में कहा कि दैनिक नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आई है।No data, global or Indian, has had any observations of children being affected more. Even in the 2nd wave kids who were infected had mild illness or co-morbidities. I don't think we will have a serious infection in children in the future: Dr Randeep Guleria, AIIMS Director pic.twitter.com/q4w7ceurDr
— ANI (@ANI) June 8, 2021
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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के 86,498 नए मामले दर्ज किए गए जो पिछले 66 दिनों में सबसे कम है। सात मई को देश में रिकॉर्ड 4,14,188 नए मामले सामने आए थे। अग्रवाल ने कहा कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना वायरस के 20,822 मामले आए और 252 मौतें हुई हैं जो दुनिया में सबसे कम आंकड़ों में से एक है। भविष्य में कोरोना की किसी और लहर को रोकने के लिए सरकार ने आबादी का टीकाकरण होने तक कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया। सरकार ने कुछ महीनों के लिए भीड़ की स्थिति से बचने की जरूरत पर भी बल दिया। हालांकि कुछ राज्यों ने नए मामलों की घटती संख्या को देखते हुए लॉकडाउन में ढील की घोषणा की है।
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