Economic Survey 2020: अगले वित्त वर्ष में 6-6.50% के दायरे में होगी आर्थिक वृद्धि
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वृद्धि दर में जारी सुस्ती का दौर अब समाप्त हो चुका है और अगले वित्त वर्ष 2020- 21 में वृद्धि दर सुधर कर 6 से 6.50 प्रतिशत के दायरे में पहुंच जायेगी। चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर के 5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
नयी दिल्ली। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वृद्धि दर में जारी सुस्ती का दौर अब समाप्त हो चुका है और अगले वित्त वर्ष 2020- 21 में वृद्धि दर सुधर कर 6 से 6.50 प्रतिशत के दायरे में पहुंच जायेगी। चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर के 5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश समीक्षा में कहा गया है, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में मौजूदा सुस्ती को वृद्धि के चक्रीय ढांचे के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिये। इसमें रीयल एस्टेट क्षेत्र पर वित्तीय क्षेत्र की समस्याओं का प्रभाव भी शामिल है।’’इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार को अपने मजबूत जनादेश का इस्तेमाल आर्थिक क्षेत्र के सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने में करना चाहिये। इससे अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
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वर्ष 2019- 20 की आर्थिक समीक्षा को दो भागों में हल्के बेंगनी रंग के आवरण के साथप्रकाशित किया गया है। 100 रुपये के नये नोट का रंग भी इसी तरह का है। आम बजट से एक दिन पहले पेश की गई आर्थिक समीक्षा में देश में संपत्ति सृजन पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि संपत्ति का वितरण होना चाहिये लेकिन वितरण से पहले संपत्ति का सृजन करने की आवश्यकता होती है।’’ समीक्षा में संपत्ति सृजित करने वालों को सम्मान दिए जाने पर बल दिया गया है। सर्वेक्षण में प्याज के ऊंचे दाम का उल्लेख करते हुये कहा गया है कि ऐसी उपभोक्ता जिंसों के दाम स्थिर रखने में सरकारी हस्तक्षेप लगता है कि प्रभावी नहीं है।
आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के वास्ते समीक्षा में विनिर्माण क्षेत्र में नये विचारों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसमें गया है कि ‘‘दुनिया भर के कारखानों में तैयार कलपुर्जों को भारत में जोड़ने’’ का बड़ा केन्द्र बनाया जा सकता है।इससे देश में रोजगार सृजन बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश में कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिये भी समीक्षा में नये सुझाव दिये गये हैं। इसमें कहा गया है कि निर्यात प्रोत्साहन के लिये बंदरगाहों पर लालफीताशाही समाप्त होनी चाहिये।इसके साथ ही नया कारोबार शुरू करने, संपत्ति के पंजीकरण, कर भुगतान और अनुबंधों को आगे बढ़ाने जैसे कार्यों में भी सुगमता के उपाय किये जाने चाहिये।
समीक्षा में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में संचालन कार्यों में सुधार लाने और विश्वास बढ़ाने के वास्ते अधिक खुलासे की जरूरत पर जोर दिया गया है।इसमें बैंकिंग क्षेत्र में बौनेपन को लेकर उल्लेख किया गया है। समीक्षा में अर्थव्यवस्था के साथ साथ बाजारों के फायदे के लिये 10 नई सोच की भी वकालत की गई है।
Economic Survey: Inflation declines sharply from 3.2% in April 2019 to 2.6% in December 2019, reflecting weakening of demand pressure in the economy https://t.co/F7P4yW2Pde
— ANI (@ANI) January 31, 2020
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