विकास दुबे के परिवार और उसके साथियों के खिलाफ ED दर्ज करेगा PMLA का मामला

Vikas Dubey

अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उससे लगे कुछ इलाकों में दुबे और उसके परिवार से जुड़ी दो दर्जन से अधिक नामी और बेनामी संपत्तियां, बैंक में जमा राशि और सावधि जमा पर केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर है।

नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मारे गए अपराधी विकास दुबे, उसके परिवार के सदस्यों और साथियों द्वारा कथित रूप से धोखाधड़ी कर संपत्ति अर्जित और अवैध लेन-देन मामले की जांच करने और धनशोधन का मामला दर्ज करने के लिये तैयार है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि लखनऊ में स्थित एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने छह जुलाई को इस संबंध में कानपुर पुलिस को पत्र लिखकर दुबे और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ दायर सभी प्राथमिकियां और आरोप पत्र तथा इन सभी मामलों की ताजा जानकारी मांगी है। 

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उन्होंने कहा कि ईडी जल्द ही दुबे, उसके सहयोगियों और परिवार के सदस्यों द्वारा कथित रूप से किये गए अपराध की जांच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शिकायत दर्ज करके यह पता लगाएगा कि क्या बाद में इस धन का उपयोग अवैध रूप से चल और अचल संपत्ति अर्जित करने लिये तो नहीं किया गया। अधिकारियों ने कहा कि आरोप है कि दुबे ने अपने और अपने परिवार के नाम पर खूब संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उससे लगे कुछ इलाकों में दुबे और उसके परिवार से जुड़ी दो दर्जन से अधिक नामी और बेनामी संपत्तियां, बैंक में जमा राशि और सावधि जमा पर केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर है।

अधिकारियों ने कहा कि कुछ जानकारियां साझा की जा चुकी हैं जबकि एजेंसी कुछ और जानकारी हासिल कर रही है। उन्होंने कहा कि ईडी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से दुबे और अन्य लोगों की संभावित विदेशी संपत्ति के बारे में विवरण भी मांग रहा है, इसके अलावा विभिन्न बैंकों से खातों का विवरण भी मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भले ही दुबे की मौत हो गई हो, लेकिन धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत एजेंसी को धनशोधन अपराध और इस आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गई संपत्तियों को लेकर मुख्य अपराधी के साथियों के खिलाफ जांच की अनुमति है। 

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अधिकारियों ने कहा कि पीएमएलए कानून की धारा 72 में मृत्यु या दिवालियेपन की सूरत में भी मुकदमा जारी रखने का प्रावधान है। अधिकारियों का कहना है कि दुबे के खिलाफ पुलिस में लगभग 60 प्राथमिकियां दर्ज हैं, जिसमें तीन जुलाई की मध्यरात्रि कानपुर जिले के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में उसके घर पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की मौत के संबंध में दर्ज प्राथिमिकी भी शामिल है। पुलिस का एक दल दुबे को आपराधिक मामले में गिरफ्तार करने गया था। इस दौरान दुबे और उसके साथियों ने छत पर से उनपर ताबड़तोड़़ गोलीबारी की थी।  उत्तरप्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को दुबे (47) को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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