भाजपा के आठ उम्मीदवारों ने राज्यसभा के लिए भरा पर्चा

वहां से वे नामाकंन दाखिल करने पहुंचे। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव और बहुजन समाज पार्टी के नेता रामजी गौतम पिछले दिनों अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। राज्य की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में मौजूदा समय में कुल 395 सदस्य हैं जिनमें सर्वाधिक 304 भाजपा और नौ विधायक उसके सहयोगी अपना दल-एस के सदस्य हैं। इसके अलावा सपा के 48, बसपा के 18, कांग्रेस के सात और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार तथा निर्दलीय समेत अन्य पांच विधायक हैं। संख्या बल के आधार पर आठ सीटें भाजपा आसानी से जीत लेगी जबकि एक सीट पर मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी को जीत मिल जाएगी। बाकी किसी दल के पास एक भी सीट जीतने के लिए संख्या बल नहीं है। भारतीय जनता पार्टी से जिन आठ उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल किया, उनमें हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह और नीरज शेखर मौजूदा समय में भी राज्यसभा के सदस्य हैं और 25 नवंबर को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। पार्टी के अन्य उम्मीदवारों में हरिद्वार दुबे आगरा के रहने वाले हैं और पूर्व में कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रह चुके हैं।उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। मैं प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, गृहमंत्री श्री @AmitShah जी एवं उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी का राज्य के नागरिकों की सेवा जारी रखने हेतु दिए गए इस अवसर के लिए अत्यंत आभारी हूँ pic.twitter.com/WTz9HDl9wz
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) October 27, 2020
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उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल, पूर्व प्रदेश मंत्री गीता शाक्य, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बीएल वर्मा और जौनपुर जिले की पूर्व विधायक सीमा द्विवेदी को भी भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा ने इन उम्मीदवारों के जरिये जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा कि भाजपा अपने नारे सबका साथ-सबका विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और उम्मीदवारों का यह चयन उसकी झलक है। उन्होंने कहा कि चाहे संगठनात्मक रचना हो या राज्यसभा के उम्मीदवारों का चयन, कार्यकर्ता हमेशा पार्टी की प्राथमिकता में रहा है।