बिहार में चुपचाप NRC लागू कर रहा चुनाव आयोग, विधानसभा चुनाव से पहले ओवैसी का बड़ा आरोप

Owaisi
ANI
अंकित सिंह । Jun 28 2025 12:42PM

अपने एक्स पोस्ट में ओवैसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीक़े से एनआरसी लागू कर रहा है। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेज़ों के ज़रिए साबित करना होगा कि वह कब और कहाँ पैदा हुए थे, और साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहाँ पैदा हुए थे।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में गुप्त रूप से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नए नियमों के तहत लोगों को अपने और अपने माता-पिता के जन्म विवरण को दस्तावेजों के माध्यम से साबित करना होगा, जो कई गरीब नागरिकों, खासकर बाढ़ प्रभावित सीमांचल में, के पास नहीं है।

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अपने एक्स पोस्ट में ओवैसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीक़े से एनआरसी लागू कर रहा है। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेज़ों के ज़रिए साबित करना होगा कि वह कब और कहाँ पैदा हुए थे, और साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहाँ पैदा हुए थे। विश्वसनीय अनुमानों के अनुसार भी केवल तीन-चौथाई जन्म ही पंजीकृत होते हैं। ज़्यादातर सरकारी कागज़ों में भारी ग़लतियाँ होती हैं।

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उन्होंने आगे लिखा कि बाढ़ प्रभावित सीमांचल क्षेत्र के लोग सबसे ग़रीब हैं; वे मुश्किल से दिन में दो बार खाना खा पाते हैं। ऐसे में उनसे यह अपेक्षा करना कि उनके पास अपने माता-पिता के दस्तावेज़ होंगे, एक क्रूर मज़ाक़ है। इस प्रक्रिया का परिणाम यह होगा कि बिहार के ग़रीबों की बड़ी संख्या को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा। वोटर लिस्ट में अपना नाम भर्ती करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में ही ऐसी मनमानी प्रक्रियाओं पर सख़्त सवाल उठाए थे। चुनाव के इतने क़रीब इस तरह की कार्रवाई शुरू करने से लोगों का निर्वाचन आयोग पर भरोसा कमज़ोर हो जाएगा।

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