राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भोपाल विभाग द्वारा पर्यावरण सप्ताह का आयोजन

Rashtriya Swayamsevak Sangh, Bhopal
दिनेश शुक्ल । Jul 14 2020 5:37PM

बिजली बचत पर बोलते हुए सतीश जी पिंपलीकर ने बताया कि हम अज्ञानता में ही बिजली का अधिक उपयोग करते हैं जैसे घरों में पंखे वाला में और लाइट फिजूल में जलती रहती है। इसका ध्यान रखें हम कम से कम सामान्य तौर पर इन बातों का ध्यान रखें। बिजली की बचत कर सकते हैं।

भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि भोपाल विभाग के द्वारा हरियाली अमावस्या के उपलक्ष में 13, जुलाई 2020 से 20, जुलाई 2020 तक पर्यावरण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की शुरुआत आज कार्यक्रम की प्रस्तावना विषय प्रबोधन हरित घर संकल्प विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत प्रांत के माननीय प्रांत संघचालक सतीश जी पिंपलीकर के द्वारा की गई। कार्यक्रम में इस आयोजन की भूमिका रखते हुए सतीश जी पिंपलीकर ने कि पर्यावरण संरक्षण आज ना केवल पूरे विश्व की बल्कि हमारे परिवार की जरूरत बन चुका है इस हेतु से हमें मुख्यता पांच बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। जिसमें सर्वप्रथम हमें घर का पानी घर में उपयोग करने का काम करना पड़ेगा। इस पानी को हम वाटर हार्वेस्टिंग वर्षा जल संचलन पानी की मितव्ययिता का भी ध्यान रखना होगा।

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पिंपलीकर ने बताया कि हम आमतौर पर अज्ञानता बस पानी का काफी ज्यादा उपयोग करते हैं। जैसे घर के नलों में लगी टोटी को अच्छे से बंद नहीं किया जाता घर में आए मेहमानों को उपयोग से ज्यादा पानी देना सामान्य तौर पर ध्यान में आता है। इसी प्रकार हम आमतौर पर स्नान करने में साबर का उपयोग करते हैं जिससे पानी बड़ी मात्रा में व्यर्थ बह जाता है। इसके लिए हमें साबर की जगह बाल्टी का उपयोग करना चाहिए। इसी प्रकार घर का कचरा घर में ही पुनः उपयोग किया जा सके इसके लिए हमें सड़े हुए कचरे का उपयोग खाद के रूप में करना होगा वही सूखे कचरे से बनी सामग्री का भी उपयोग हम कर सकते हैं। गत्ते से बनी सामग्रियों को एकत्रित करके हम कबाड़ी को बेच सकते हैं। जिससे कबाड़ी उनका उपयोग कहीं और करा जा सकता है। इसके साथ ही हमें यह कार्य करने से आर्थिक फायदा भी होगा। प्लास्टिक के कचरे को यहाँ वहां न फेंकते हुए हम उसका उपयोग भी कर सकते हैं। 

बिजली बचत पर बोलते हुए सतीश जी पिंपलीकर ने बताया कि हम अज्ञानता में ही बिजली का अधिक उपयोग करते हैं जैसे घरों में पंखे वाला में और लाइट फिजूल में जलती रहती है। इसका ध्यान रखें हम कम से कम सामान्य तौर पर इन बातों का ध्यान रखें। बिजली की बचत कर सकते हैं। हैलोजन और बल्ब की जगह हम एलईडी का उपयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार बिजली का उत्पादन घर में ही करके बिजली की बचत की जा सकती है। इसके लिए हमें सोलर ऊर्जा अपनानी होगी। 

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पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सतीश जी पिंपलीकर ने कहा की मनुष्य आमतौर पर जंगलों को काट कर अपने घर बनाता जा रहा है। ऐसी स्थिति में हजारों पक्षी बेघर हो जाते हैं, इन पक्षियों को आश्रय देने के लिए हम हमारे घर में एक छोटा सा पक्षी घर स्थापित कर सकते हैं। जिसके माध्यम से उस पक्षी को रहने के लिए आसरा भी मिल जाएगा और पक्षी संरक्षण के विषय को भी हम ध्यान में रख सकते हैं। पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कार्य रहता है। वृक्षों को लगाना इस कार्य को हम हमारे घर से ही शुरु कर सकते हैं। इसके लिए घरों में अलग-अलग प्रकार के वृक्ष लगाए जा सकते हैं। यदि आपके घर में वृक्ष लगाने जगह नहीं है तो फार्म हाउस तथा खेतों में भी पंचवटी के जैसे वृक्ष लगाए जा सकते हैं। उक्त कार्यक्रम कोरोना संक्रमण के चलते वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया था। जिसमें संघ के कई कार्यकर्ता शामिल हुए और कार्यक्रम के पश्चात सभी कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण करने का संकल्प लिया।

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