EU ने Myanmar के नौ और शीर्ष अधिकारियों पर लगाया प्रतिबंध

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समूह ने ‘‘म्यांमा की शांति, सुरक्षा या स्थिरता को खतरा पैदा करने वाले कदमों’’ के चलते कुछ अधिकारियों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने और संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है। इनमें म्यांमा के ऊर्जा मंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

यूरोपीय संघ (ईयू) ने बढ़ती हिंसा, मानवाधिकारों के हनन और सुरक्षा खतरों को लेकर म्यांमा में नौ अधिकारियों और सरकारी विभागों तथा कंपनियों सहित सात संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने की सोमवार को घोषणा की। ईयू में 27-देश हैं। समूह ने ‘‘म्यांमा की शांति, सुरक्षा या स्थिरता को खतरा पैदा करने वाले कदमों’’ के चलते कुछ अधिकारियों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने और संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है। इनमें म्यांमा के ऊर्जा मंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

सरकारी विभागों और कुछ कंपनियों की संपत्तियों को भी सील किया गया है। म्यांमा में एक फरवरी, 2021 को सैन्य तख्तापलट हुआ था। सेना द्वारा नवंबर 2020 के चुनावों के परिणामों को खारिज करने के बाद यह तख्तापलट हुआ। चुनावों में आंग सान सू ची की ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ पार्टी ने जीत हासिल की थी। तख्तापलट के बाद भारी प्रदर्शन हुए और हिंसक प्रतिरोध शुरू हो गया जिसे संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने गृह युद्ध की स्थिति करार दिया।

यूरोपीय संघ के देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा अनुमोदित नए प्रतिबंधों के साथ अब तक कुल 93 लोगों और 18 एजेंसियों, कंपनियों या संगठनों को निशाना बनाया गया है। समूह ने हथियारों, उन उपकरणों पर भी प्रतिबंध लगाया है जिनका इस्तेमाल देश में दमन या निगरानी के लिए किया जा सकता है। पिछले सप्ताह आई खबरों के अनुसार, म्यांमा सरकार, सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों सहित ‘‘देश के प्रति वफादार’’ लोगों को लाइसेंस प्राप्त आग्नेयास्त्रों को रखने की अनुमति देने की योजना बना रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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