EVM मतपत्र होंगे स्पष्ट और पठनीय! चुनाव आयोग का पारदर्शिता बढ़ाने वाला फैसला

भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ईवीएम बैलेट पेपर के डिज़ाइन में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसमें उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें और बड़े, समान फ़ॉन्ट शामिल होंगे। यह कदम मतपत्रों की पठनीयता और मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके। ये सुधार चुनाव आयोग की मतदाता-अनुकूल पहल का हिस्सा हैं।
भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को ईवीएम मतपत्रों की डिजाइनिंग और मुद्रण से संबंधित दिशानिर्देशों को संशोधित करने की घोषणा की, ताकि उन्हें अधिक पठनीय और मतदाता-अनुकूल बनाया जा सके। चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनावों से शुरू होकर, ईवीएम में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी। बेहतर दृश्यता के लिए, उम्मीदवार का चेहरा तस्वीर के तीन-चौथाई हिस्से पर रहेगा।
इसे भी पढ़ें: नीतीश की तारीफ, फिर भी सीटों पर अड़े चिराग: कहा- 'मैं सब्ज़ी पर नमक की तरह हूँ', NDA में बढ़ी हलचल
चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया है कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने ईवीएम मतपत्रों की स्पष्टता और पठनीयता बढ़ाने के लिए चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49बी के तहत मौजूदा दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। बयान में आगे कहा गया है कि यह पहल चुनाव प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने तथा मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए पिछले 6 महीनों में ईसीआई द्वारा पहले ही की जा चुकी 28 पहलों के अनुरूप है।
चुनाव आयोग ने कहा कि नोटा सहित सभी उम्मीदवारों के नाम एक ही फॉन्ट प्रकार और फॉन्ट आकार में मुद्रित किए जाएंगे, ताकि आसानी से पढ़ा जा सके। वहीं, निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि अधिकतर राज्यों में आधे से ज्यादा मतदाताओं को संभवत: कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पडेगी, क्योंकि उनके नाम उनके राज्यों में हुए पिछले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद तैयार मतदाता सूची में शामिल होंगे।
इसे भी पढ़ें: 'भारत रूस को युद्ध के लिए फंडिंग कर रहा है', कहने वाले Trump अब Modi को Russia-Ukraine War समाप्त करने में सहयोग के लिए धन्यवाद दे रहे हैं, ये U-Turn कैसे संभव हुआ?
उन्होंने बताया कि ज्यादातर राज्यों में मतदाता सूची का आखिरी विशेष गहन पुनरीक्षण 2002 और 2004 के बीच हुआ था। अगले एसआईआर के लिए इसी साल को उनकी कट-ऑफ तारीख का आधार माना जाएगा। अधिकारियों ने पहले बताया था कि आयोग जल्द ही पूरे भारत में विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करने की तारीख तय करेगा और राज्यों में मतदाता सूची की समीक्षा का काम साल के अंत से पहले शुरू हो सकता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पिछले एसआईआर के बाद प्रकाशित अपने राज्यों की मतदाता सूची तैयार रखें।
अन्य न्यूज़











