भगवा झंडा फहराना, नारे लगाना SC/ST एक्ट के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं: HC

false-saffron-flag-sloganeering-not-in-the-category-of-crime-under-sc-st-act-hc
[email protected] । Jul 1 2019 6:08PM

उच्च न्यायालय ने जुलाई 2018 में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। महाजन के मुताबिक, तीन जनवरी 2018 को दर्ज प्राथमिकी में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कोई अपराध परिलक्षित नहीं होता।

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि भगवा झंडा फहराना और नारे लगाना इस कानून के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता। न्यायमूर्ति आई ए महंती और न्यायमूर्ति ए एम बदर की खंडपीठ ने हाल ही में कल्याण पुलिस थाने में दर्ज मामले में राहुल शशिकांत महाजन नाम के शख्स को अग्रिम जमानत दे दी। विशेष अदालत द्वारा पिछले साल अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद महाजन ने उच्च न्यायालय में अपील की थी।

इसे भी पढ़ें: बंबई हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण को वैध ठहराया, फडणवीस सरकार को राहत

उच्च न्यायालय ने जुलाई 2018 में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। महाजन के मुताबिक, तीन जनवरी 2018 को दर्ज प्राथमिकी में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कोई अपराध परिलक्षित नहीं होता। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में उनके द्वारा जिस अपराध का जिक्र किया गया है उसमें सिर्फ नारे लगाना और भगवा झंडा फहराना है। महाजन और अन्य के खिलाफ निकटवर्ती ठाणे जिले के कल्याण में कथित प्रदर्शन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ये लोग कथित रूप से पुणे के भीमा-कोरेगांव गांव में दो जनवरी 2018 को हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। 

इसे भी पढ़ें: बंबई उच्च न्यायालय ने दो लोगों की मौत की सजा पर लगाई रोक

पुलिस ने याचिका का विरोध किया और कहा कि अधिनियम के तहत एक आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती। न्यायाधीश ने कहा, “हमारी राय है कि भगवा झंडा फहराना और नारे लगाना अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं हैं।”

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़