सेवानिवृत्त होने वाले 50 से अधिक सदस्यों को राज्यसभा में दी गयी विदाई
सभापति एम वेंकैया नायडू ने सेवानिवृत्त होने जा रहे इन सदस्यों के सदन में दिये गये योगदान की सराहना करते हुए उनके बेहतर भविष्य की कामना की। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह भारी मन से सदस्यों को विदाई दे रहे हैं।
नयी दिल्ली। राज्यसभा ने सेवानिवृत्त होने जा रहे अपने 50 से अधिक सदस्यों को सोमवार को विदाई दी जिनमें कांग्रेस के मोतीलाल वोरा, बी के हरिप्रसाद, कुमारी शैलजा, एम वी राजीव गौड़ा, भाजपा के सी पी ठाकुर, विजय गोयल, सत्यनारायण जटिया, प्रभात झा, जदयू की कहकशां परवीन आदि शामिल हैं। बजट सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले उच्च सदन में इन सदस्यों को विदाई दी गयी। इन 55 सदस्यों में से चार का इस्तीफा हुआ था और वे चुनकर आ चुके हैं। इसके अलावा सेवानिवृत्त होने जा रहे कुछ अन्य सदस्य भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने सेवानिवृत्त होने जा रहे इन सदस्यों के सदन में दिये गये योगदान की सराहना करते हुए उनके बेहतर भविष्य की कामना की। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह भारी मन से सदस्यों को विदाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी विदा हो तो अफसोस होता है। उन्होंने कहा कि कई लोगों के साथ तो अपनी पार्टी से भी ज्यादा संपर्क रहता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 15 सदस्य अवकाशग्रहण कर रहे हैं लेकिन इनमें से सिर्फ दिग्विजय सिंह ही फिर से लौट रहे हैं। उन्होंने सेवानिवृत्त होने जा रहे मोतीलाल वोरा को ‘‘भीष्म पितामह’’ करार देते हुए कहा कि वह इस उम्र में भी इतने सक्रिय रहे हैं।Leader of the House in Rajya Sabha @TCGEHLOT bids farewell to retiring Rajya Sabha membershttps://t.co/8pFPiusIsR
— Rajya Sabha TV (@rajyasabhatv) March 23, 2020
इसे भी पढ़ें: रंजन गोगोई के शपथ लेने के दौरान शर्म-शर्म के नारे लगाना शर्मनाक
सदन के नेता थावरचंद गहलोत ने फिर से चुनकर आने वाले सदस्यों को शुभकामनाएं दी और जो लोग सदन में वापस नहीं आ पा रहे हैं, उनके सुखद भविष्य की कामना करते हुए उम्मीद जतायी कि वे समाज में सक्रिय रहेंगे। अपने विदाई भाषण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने अपने पुराने अनुभवों और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली को विशेष तौर पर याद किया। अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यनाथन ने अपनी पार्टी की पूर्व प्रमुख जयललिता को याद करते हुए सदन में अपने अनुभवों की चर्चा की। कांग्रेस के मोहम्मद अली खान, बी के हरिप्रसाद, के वी पी रामचंद्र राव, भाजपा के शंभुप्रसाद टुंडिया, रामनारायण डूंडी, नारायणलाल पंचारिया, प्रभात झा, सत्यनारायण जटिया ने भी सदन में अपने अनुभवों को साझा किया।
अन्य न्यूज़