गन्ना बकाया: पंजाब के फगवाड़ा में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा अवरुद्ध किया

Sugarcane
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गन्ने के बकाया का भुगतान नहीं होने के विरोध में पिछले चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग के जालंधर-लुधियाना खंड के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया। होशियारपुर, नवांशहर और नकोदर की ओर जाने वाली सड़कों पर भी ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को खड़ा कर दिया गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।

फगवाड़ा (पंजाब), 13 अगस्त।  गन्ने के बकाया का भुगतान नहीं होने के विरोध में पिछले चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग के जालंधर-लुधियाना खंड के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया। होशियारपुर, नवांशहर और नकोदर की ओर जाने वाली सड़कों पर भी ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को खड़ा कर दिया गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा प्रदर्शन स्थल के पास पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियां भी खड़ी की गई थीं।

इससे पहले, किसानों ने यहां एक चीनी मिल द्वारा 72 करोड़ रुपये के बकाए के भुगतान में कथित देरी का विरोध करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग के जालंधर-लुधियाना मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया था। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार दोपहर यहां एक बैठक करने के बाद पंजाब सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 25 अगस्त तक बकाया का भुगतान कर दिया जाए, नहीं तो फगवाड़ा में किसानों के तीव्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। किसानों ने भारती किसान यूनियन (दोआबा) के बैनर तले सोमवार को चीनी मिल के पास अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था।

बीकेयू (दोआबा) के अध्यक्ष मनजीत सिंह राय ने कहा, ‘‘चूंकि पंजाब सरकार ने हमारे प्रदर्शन को हल्के में लिया है, इसलिए हमने आज सुबह 10 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरे हिस्से को जाम कर दिया।’’ किसान संगठन के महासचिव सतनाम सिंह साहनी ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान एंबुलेंस, स्कूल बसों और अन्य आपातकालीन वाहनों को गुजरने दिया गया। उन्होंने दावा किया कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तहत विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि आगे की कार्रवाई के लिए बैठक कर रहे हैं। शुक्रवार को धरना स्थल पर एसकेएम के बैनर लगाए गए थे।

राय और साहनी ने कहा कि जब तक किसानों के खातों में 72 करोड़ रुपये ट्रांसफर नहीं हो जाते, वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘अगर सरकार हमारी मांग को तुरंत पूरा नहीं करती है तो हम अपने आंदोलन को राज्यव्यापी आंदोलन में बदल देंगे।’’ गन्ना बकाया भुगतान के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बृहस्पतिवार को यहां राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से से रक्षा बंधन के कारण जाम हटा लिया था। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे शुक्रवार से लुधियाना-जालंधर खंड के दोनों ओर आंदोलन तेज कर देंगे और रास्ता जाम कर देंगे।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हवाले से चंडीगढ़ में एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार सभी लंबित बकाया का भुगतान करने के लिए प्रतिबद्ध है और सात सितंबर तक भुगतान कर दिया जाएगा। मान ने कहा कि फगवाड़ा चीनी मिल को छोड़कर निजी चीनी मिलों ने आश्वासन दिया है कि वे सात सितंबर तक बकाया राशि का भुगतान कर देंगे। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को गन्ना किसानों के लिए 100 करोड़ रुपये जारी किए और शुक्रवार को उनके बैंक खातों में राशि जमा कर दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भुगतान के साथ ही राज्य की सहकारी चीनी मिलों ने किसानों को 526.27 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।

मान ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि किसानों के बकाया का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। इस बीच, पंजाब सरकार ने फगवाड़ा चीनी मिल की संपत्ति की खुली नीलामी का पत्र वापस ले लिया है और कपूरथला के उपायुक्त को मिल मालिकों, किसानों तथा खरीदारों को भरोसे में लेकर संपत्ति की रजिस्ट्री में तेजी लाने का निर्देश दिया। पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शुक्रवार शाम यहां किसानों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दो घंटे तक चली बैठक के बाद यह खुलासा किया। उन्होंने स्वीकार किया कि खुली नीलामी संबंधी पत्र विवाद का विषय बन गया है और किसान इससे नाराज हैं। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने संपत्ति से अधिक राशि प्राप्त करने की उम्मीद में ऐसा किया था। लेकिन अब पत्र वापस ले लिया गया है और पंजाब के वित्तीय आयुक्त (राजस्व) द्वारा इसकी एक प्रति किसानों को दी गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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