खेती के तौर तरीके बदलकर किसानों को बनाएं समृद्ध: वसुन्धरा राजे
राजे ने आज बारां में बारां-अटरू में जनसंवाद करते हुए कहा कि बारां जैसे जिलों में किसानों के लिए परम्परागत कृषि के अलावा कई ऎसी सम्भावनाएं हैं, जो उनका जीवन बदल सकती हैं।
जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आज कहा कि किसानों को समृद्ध बनाने के लिए उन्हें परम्परागत खेती से बाहर निकाल कर आधुनिक नवाचारों व तकनीक से जोड़ना होगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बारां जिले में कृषि विपणन, पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य, भंडारण व कृषि प्रसंस्करण विशेषज्ञों को साथ लेकर प्रायोगिक परियोजना के रूप में काम शुरू किया जाए। उन्होंने फसल प्रतिरूप का अध्ययन कर वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने और कृषि से जुड़े अन्य विकल्पों पर काम करने के लिए कहा।
राजे ने आज बारां में बारां-अटरू में जनसंवाद करते हुए कहा कि बारां जैसे जिलों में किसानों के लिए परम्परागत कृषि के अलावा कई ऎसी सम्भावनाएं हैं, जो उनका जीवन बदल सकती हैं। इसके लिए किसानों को इजराइल की तरह विशेषज्ञता हासिल कर कृषि में नए विचार और टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होगा। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के अधिक इस्तेमाल से बचते हुए अपनी जमीन के स्वास्थ्य को बचाए रखने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों को जल का महत्व समझते हुए फव्वारा और बूंद-बूंद सिंचाई को अपनाना चाहिए। इससे सिंचाई के लिए उपलब्ध जल का अधिकतम उपयोग सम्भव हो पाता है। साथ ही सेम जैसी समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में नीति आयोग की बैठक में भी लघु सिंचाई पर जोर दिया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि बारां-अटरू विधानसभा क्षेत्र में सरकार ने पिछले साढ़े 4 वर्ष में करीब 1400 करोड़ रूपए के विकास कार्य स्वीकृत किए हैं जबकि पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में 434 करोड़ रूपए ही व्यय किए थे।
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