किसान खत्म करेंगे धरना, भगवंत मान सरकार के साथ बनी सहमति

Bhagwant Mann
ANI
अभिनय आकाश । May 18 2022 6:29PM

सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने डीएसआर तकनीक अपनाने वाले किसानों के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन को मंजूरी दी। इसके लिए 450 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि अलग रखी गई है।

पंजाब सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए गए इस बैठक के बाद किसानों और पंजाब सरकार के बीच सहमति बन गई , पंजाब भवन में सीएम भगवंत मान और किसान नेताओं के बीच बैठक खत्म हो गई और किसान धरना  खत्म करेंगे। सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने डीएसआर तकनीक अपनाने वाले किसानों के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन को मंजूरी दी। इसके लिए 450 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि अलग रखी गई है। पोखर विधि की तुलना में इस नेक पहल से 15-20% पानी की बचत होने की संभावना है। कैबिनेट बैठक में सीएम मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने शहीद सैनिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह अनुदान दरों को बढ़ाने की मंजूरी दी। कैबिनेट ने भूमि के बदले नकद की दरों में 40% की वृद्धि और विशिष्ट सेवा पुरस्कार विजेताओं को नकद पुरस्कार को भी मंजूरी दी गई।

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किसानों ने खोला मोर्चा

गेहूं की पैदावार कम होने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और 10 जून से पूरे पंजाब में धान की बुवाई शुरु करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद मंगलवार को चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए थे। नतीजतन, कुछ किसान मोहाली के अम्ब साहिब गुरुद्वारे तक पहुंचने में कामयाब रहे- जहां से उन्हें चंडीगढ़ जाना था। प्रदर्शनकारी किसान पूरी तैयार के साथ वहां पहुंचे हैं और उनके पास राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलिंडर सहित अन्य सामान है। पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों से संबंधित किसान गेहूं की पैदावार कम होने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और 10 जून से पूरे पंजाब में धान की बुवाई शुरु करने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री बुधवार तक उनके साथ बैठक नहीं करते हैं, तो वे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने के लिए अवरोधक तोड़ते हुए चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे। 

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भगवंत मान ने विरोध को ‘‘अनुचित और अवांछनीय’’ बताया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के विरोध को ‘‘अनुचित और अवांछनीय’’ करार दिया था और किसान संगठनों से नारेबाजी बंद करने और पंजाब में घटते जल स्तर को रोकने के लिए राज्य सरकार का साथ देने का कहा था। मान ने कहा कि किसानों के लिए बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन ‘‘खोखले नारे’’ घटते जल स्तर पर लगाम लगाने के उनके संकल्प को नहीं तोड़ सकते। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक किसान के बेटे हैं और फसल उत्पादकों की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं। 

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