अर्थव्यवस्था पर वित्तमंत्री का बयान बहुत निराशाजनक: यशवंत सिन्हा

finance-minister-s-statement-on-economy-very-disappointing-says-yashwant-sinha
[email protected] । Nov 29 2019 8:08PM

सम्मेलन में डीएमके के टीकेएस एलांगोवन, पूर्व सांसद और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की अर्थशास्त्री जयती घोष ने भी संबोधित किया।

नयी दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अर्थव्यवस्था की हालत पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को शुक्रवार को ‘बहुत निराशाजनक’ बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट की मुख्य वजह ‘मांग का लुप्त’ होना है। उन्होंने यहां अर्थव्यवस्था पर एक सम्मेलन में कहा कि सरकार इसे अब भी ‘नकार’ रही है और ‘जब आप सच्चाई को नकारने के मूड में आ जाते हैं तो आप समस्या का समाधान नहीं कर सकते।’ 

इसे भी पढ़ें: देश में मंदी से सरकार बेखबर, भाजपा के लिए GDP का मतलब गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स: कांग्रेस

अर्थव्यवस्था पर राज्यसभा में बुधवार को एक लघु चर्चा हुई। इस दौरान सीतारमण ने विपक्ष की कड़ी आलोचनाओं का जवाब देते हुए अर्थव्यवस्था के प्रबंध का बचाव किया और वर्तमान वृहद आर्थिक आंकड़ों की तुलना कांग्रेस नीत पूर्व की संप्रग सरकार के समय के आंकड़ों से की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था नरम जरूर पड़ी है लेकिन इसमें मंदी नहीं है। पूर्व भाजपा नेता सिन्हा ने सम्मेलन में कहा, ‘‘ वित्त मंत्री ने राज्यसभा में जो कहा है उसे हमने सुना। वह बेहद निराशाजनक है।’’ सिन्हा ने कहा कि वर्तमान आर्थिक संकट की प्रमुख वजह देश में ‘मांग का खत्म’ हो जाना है। उन्होंने सरकार पर देश में कृषि संकट की अनदेखी करने का आरोप लगाया। सिन्हा ने कहा, ‘‘ मौजूदा आर्थिक संकट अचानक से नहीं आया है। यह कोई रेल दुर्घटना नहीं है जो अचानक से घट गयी। यह संकट लंबी अवधि में तैयार हुआ है।’’ 

इसे भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था की हालत पतली, दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत पहुंची आर्थिक वृद्धि दर

उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों के आकलन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक कंपनियां दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही हैं और सरकार ने भी घोषणा कर दी है कि एअर इंडिया के लिए यदि उसे कोई खरीदार नहीं मिलता है तो वह उसे बंद कर देगी। इससे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे और उन कर्मचारियों को ‘भीख’ मांगने के लिए छोड़ दिया जाएगा। सिन्हा ने कहा कि पिछले पांच साल में सरकार का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने कहा कि सरकार जीडीपी की वृद्धि दर का आकलन सिर्फ संगठित क्षेत्र के आंकड़ों पर करती है। इसमें असंगठित क्षेत्र के आंकड़े शामिल नहीं है। कुमार ने कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि दर में नरमी है लेकिन अर्थव्यवस्था में मंदी नहीं है।’’ सम्मेलन में डीएमके के टीकेएस एलांगोवन, पूर्व सांसद और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की अर्थशास्त्री जयती घोष ने भी संबोधित किया। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़