दिल्ली में कूड़े के पहाड़ पर लगी आग से शहरवासियों के फेफड़ों में भर रहा है धुआं
हम आपको बता दें कि आग बुझाने के लिए दमकल की चार गाड़ियां अब भी मौके पर मौजूद हैं। दमकल विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि आग पर काबू पाने का काम अब भी जारी है और प्रशीतन की प्रक्रिया पूरी होने में अभी कुछ और घंटे लग सकते हैं।
वैसे तो दिल्ली भारत की राजधानी है लेकिन यह राजधानी दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल है। यमुना मैली है और हवा जहरीली है। सिर्फ सर्दियों में ही दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बेहद गंभीर नहीं होती बल्कि गर्मियों में भी यही स्थिति रहती है। हर साल दिल्ली में कूड़े के पहाड़ जिसे लोग गाजीपुर में कचरा एकत्र करने वाले स्थान के नाम से जानते हैं, वहां आग लग जाती है और धुआं आसपास फैल जाता है जिससे लोगों का जीना दुश्वार हो जाता है। यह कूड़े का पहाड़ दिल्ली पर एक धब्बा है जिसे मिटाने का प्रयास सरकारों की ओर से नहीं किया जाता इसलिए इस साल भी इस पहाड़ पर आग लगी हुई है और आसपास के लोग अपने फेफड़ों में इस प्रदूषित धुएं को भरने के लिए मजबूर हैं। यहां बाइट लग जायेगी।
हम आपको बता दें कि आग बुझाने के लिए दमकल की चार गाड़ियां अब भी मौके पर मौजूद हैं। दमकल विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि आग पर काबू पाने का काम अब भी जारी है और प्रशीतन की प्रक्रिया पूरी होने में अभी कुछ और घंटे लग सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। इस अग्निकांड के बारे में पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति के अध्यक्ष बीर सिंह पंवार ने पहले बताया था कि आग ‘‘उच्च तापमान’’ के कारण लगी थी, क्योंकि कचरे में अधिकतर प्लास्टिक थी और कचरे के ढेर से मीथेन गैस लगातार उत्पन्न होती रहती है। बीर सिंह पंवार ने कहा कि 2024 तक कूड़े के इस विशाल पहाड़ का निस्तारण करने की योजना है। इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को इस घटना के संबंध में 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने के बाद डीपीसीसी ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर 40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
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दिल्ली में बढ़ रहा प्रदूषण
हम आपको बता दें कि स्विस फर्म ‘आईक्यूएयर’ द्वारा जारी वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली लगातार चौथे साल 2021 में विश्व की सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी रही। साल 2021 में इससे एक साल पहले की तुलना में प्रदूषण करीब 15 प्रतिशत बढ़ गया। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर (96.4 माइक्रोगाम प्रति घन मीटर) है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से 20 गुना अधिक है।
‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ के मुताबिक एक समय लंदन और बीजिंग, दिल्ली से कहीं अधिक प्रदूषित शहर थे लेकिन उन्होंने नीतियों के व्यवस्थित एवं समन्वित क्रियान्वयन से वायु गुणवत्ता को बेहतर किया। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में, हमारे पास कई नीतियां एवं एजेंसी हैं। प्रदूषण से जुड़े मामलों के लिए अदालतें हैं और दिल्ली सरकार भी कोशिश कर रही है। लेकिन एयरशेड को ध्यान में रखते हुए बहुत कम कार्य किया गया है। यही कारण है कि जीवाश्म ईंधन के दहन से होने वाला संपूर्ण उत्सर्जन भार नहीं घटा है। बहरहाल, देखना होगा कि गाजीपुर की जो आग है वह कब बुझती है और क्या यह कूड़े का पहाड़ वाकई 2024 तक खत्म हो सकेगा?
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