S-400 Air Defense System: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने माना जिसका लोहा, उसकी पहली तस्वीर आई सामने, क्या आपने देखी?

आईएएफ की एस-400 प्रणाली की पहली तस्वीर जारी कर दी गई है, जो भारत की वायु रक्षा तैयारियों में आए बड़े बदलाव को दर्शाती है।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अपनी युद्धक क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रही है, और एस-400 वायु रक्षा प्रणाली इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है। आईएएफ की एस-400 प्रणाली की पहली तस्वीर जारी कर दी गई है, जो भारत की वायु रक्षा तैयारियों में आए बड़े बदलाव को दर्शाती है। इस उन्नत प्रणाली से देश की हवाई सीमा की सुरक्षा करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है और इसे भारत की वायु रक्षा वास्तुकला में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
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एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को 'सुदर्शन' नाम दिया गया है। इस उन्नत सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के शामिल होने से भारतीय वायु सेना के वायु रक्षा अभियानों में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है, जिससे आधुनिक हवाई खतरों से अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा करने की राष्ट्र की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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एस-400 की विशेषताएं क्या हैं?
एस-400 सुदर्शन को लड़ाकू विमानों, मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी), क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों सहित लंबी दूरी से आने वाले विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों का पता लगाने, उनका पीछा करने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अपनी बहुस्तरीय भेदन क्षमता और उच्च परिशुद्धता लक्ष्यीकरण के साथ, यह प्रणाली विश्व के सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्लेटफार्मों में से एक मानी जाती है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस प्रणाली की परिचालन क्षमता का प्रदर्शन हुआ, जहां इसने सफलतापूर्वक दुश्मन के वास्तविक लक्ष्यों को निशाना बनाया। इन हमलों ने एस-400 प्रणाली की मजबूती और भारतीय वायु सेना की परिचालन तत्परता दोनों को प्रमाणित किया, जिससे वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में इसकी क्षमता सिद्ध हुई। एस-400 सुदर्शन के शामिल होने से भारतीय वायु सेना ने अपनी प्रतिरोधक क्षमता, प्रतिक्रिया समय और हवाई क्षेत्र में प्रभुत्व को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है, जिससे भारत की समग्र एकीकृत वायु रक्षा संरचना और राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचा मजबूत हुआ है।
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