पाकिस्तान का कबूलनामा, भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' ने रावलपिंडी एयरबेस को किया तबाह, 80 ड्रोन हमलों का दावा

'ऑपरेशन सिंदूर' की पुष्टि कर पाकिस्तान ने माना कि भारत के ड्रोन हमलों ने रावलपिंडी एयरबेस पर कहर बरपाया, जिससे बड़े पैमाने पर सैन्य क्षति हुई और सैनिक घायल हुए। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले का सीधा जवाब था, जिसने भारत की जवाबी कार्रवाई की क्षमता को उजागर किया।
पाकिस्तान सरकार ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि इस साल मई में भारतीय सेना द्वारा किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में उसके सैन्य बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने शनिवार को साल के अंत में हुई प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि भारत ने रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस को सफलतापूर्वक निशाना बनाया था।
इशाक डार ने बताया कि भारत ने इस ऑपरेशन के दौरान बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए थे। बयान में उन्होंने कहा, 'भारत ने 36 घंटों के भीतर कम से कम 80 ड्रोन पाकिस्तान की ओर भेजे थे।' पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 79 ड्रोन मार गिराए, लेकिन एक ड्रोन उनके डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर नूर खान एयरबेस के मिलिट्री इंस्टॉलेशन से टकरा गया। इस हमले में न केवल सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचा, बल्कि कई पाकिस्तानी सैनिक भी घायल हुए।
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क्यों किया गया था 'ऑपरेशन सिंदूर'?
यह ऑपरेशन अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब था। उस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली थी। भारत ने इसके जवाब में सीमा पार आतंकी ठिकानों और उन्हें शह देने वाले सैन्य अड्डों को निशाना बनाया।
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भारत के दावों पर मुहर
भारतीय रक्षा बलों ने पहले ही खुलासा किया था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस सहित कई रणनीतिक ठिकानों पर समन्वित हवाई हमले किए गए थे। भारत द्वारा निशाना बनाए गए प्रमुख एयरबेस में रावलपिंडी, रफीकी और मुरीद एयरबेस शामिल थे। स्कार्दू, जैकोबाबाद और सरगोधा के एयरबेस, जिन्हें इन हमलों में भारी नुकसान पहुंचने की खबर थी।
पाकिस्तान की इस स्वीकारोक्ति ने भारत की सैन्य क्षमता और आतंकवाद के खिलाफ उसकी 'जीरो टॉलरेंस' नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से साबित कर दिया है।
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