गोवा विधानसभा चुनाव में पांच दंपती आजमा रहे हैं राजनीतिक किस्मत, इस गणित से समझिए कैसा होगा परिणाम

गोवा विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों के मैदान में उतरने से जहां मुकाबला बहुकोणीय हो गया है, वहीं पांच दंपतियों के किस्मत आजमाने से भी यह रोचक बन गया है। यदि वे सभी जीत जाते हैं तो गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के एक चौथाई सदस्य पति-पत्नी होंगे।
पणजी। गोवा विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों के मैदान में उतरने से जहां मुकाबला बहुकोणीय हो गया है, वहीं पांच दंपतियों के किस्मत आजमाने से भी यह रोचक बन गया है। यदि वे सभी जीत जाते हैं तो गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के एक चौथाई सदस्य पति-पत्नी होंगे। फिलहाल सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो दंपतियों को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं अपने एक ऐसे नेता को टिकट दिया है जिनकी पत्नी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में होंगी। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने भी एक-एक दंपती को टिकट दिया है।
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भाजपा नेता और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे वालपोई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि उनकी पत्नी देविया ने पोरिएम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर नामांकन पत्र भरा है। दिलचस्प बात यह है कि फिलहाल देविया के ससुर प्रतापसिंह राणे पोरिएम से कांग्रेस विधायक हैं। कांग्रेस ने इस निर्वाचन क्षेत्र से फिर उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। देविया राणे अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने एटानासियो मोंसेरट्टे को पणजी विधानसभा सीट से एवं उनकी पत्नी जेनिफर को तालीगाव निर्वाचन क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है।
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जेनिफर ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर तालीगाव से विधानसभा चुनाव जीता था जबकि उनके पति मोंसेरट्टे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद 2019 में पणजी में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए थे। ये दोनों कांग्रेस के आठ अन्य विधायकों के साथ 2019 में भाजपा में शामिल हो गये थे।
उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर और उनकी पत्नी सावित्री कावलेकर भी चुनाव मैदान में हैं।चंद्रकांत कावलेकर अपनी पारंपरिक क्वेपेम सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं जबकि सावित्री पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर सांग्वेम से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने माइकल लोबो तथा उनकी पत्नी डेलिया को क्रमश: कालनगुट और सियोलिम से प्रत्याशी बनाया है। पूर्व मंत्री माइकल अपनी पत्नी को भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आ गये थे। ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने किरण कांडोलकर को अल्डोना और उनकी पत्नी कविता को थिविम से चुनाव मैदान में उतारा है।
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