दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर, अब तक 85 लोगों की मौत
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सक्लेश्पुर में मरानाहल्ली के समीप कई भूस्खलन हुए। दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी के उफान पर होने के कारण पूरा पाणे मंगलुरू गांव जलमग्न हो गया।
तिरुवनंतपुरम/अहमदाबाद। भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहे केरल और कर्नाटक में शनिवार को भी स्थिति गंभीर बनी रही और दोनों राज्यों में पिछले दो-तीन दिनों में 54 लोगों की मौत हो गयी। वहीं, गुजरात में शुक्रवार शाम से हो रही बारिश से जुड़ी घटनाओं में 19 लोगों की जान चली गयी। महाराष्ट्र के भी बाढ़ प्रभावित हिस्सों में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव अभियान जारी रहा। राज्य में बाढ की वजह से 12 लोगों की मौत हो गयी है। केरल में करीब सवा लाख लोग विस्थापित हो गये हैं। बाढ़ और बारिश की सबसे अधिक मार वायनाड और कोझिकोड पर पड़ी है जहां करीब 25-25 हजार लोग बेघर हो गये। राज्य में वर्षाजनित घटनाओं में अबतक 42 लोगों की जान चली गयी है। आठ जिलों में आठ अगस्त से भूस्खलन की 80 घटनाएं हो चुकी हैं।मलप्पुरम के कावलप्परा और वायनाड के मेप्पाडी केपुथुमला में बड़े भूस्खलनों के बाद कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
Karnataka: Kote Police station officials have rescued approximately 200 cattle from a flood-affected cow shelter in Shivamogga. pic.twitter.com/txDSx88UUr
— ANI (@ANI) August 10, 2019
एर्नाकुलम, इडुक्की, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नौर और कसारगोड जिलों में वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। सबसे प्रभावित जिलों में एक वायनाड में बाणासुरसागर बांध के चार द्वारों में एक को अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिए तीन बजे खोल दिया गया और काबिनी नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। बाणासुरसागर बांध भारत के सबसे बड़े बांधों में से एक और एशिया का इस श्रेणी का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। केरल की कई ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं। कोच्चि हवाई अड्डे के एक अधिकारी के अनुसार उड़ान संचालन रविवार पूर्वाह्न को बहाल होगा जिसे हवाई अड्डे पर पानी भर जाने से रोक दिया गया था। कर्नाटक में वर्षा जनित घटनाओं में अबतक 12 लोगों की मौत हो गयी है। बेलागवी के अलावा बागलकोट, विजयपुरा, रायचुर, यादगीर, गडग, उत्तर कन्नड़, हावेरी, हुबली-धारवाड़, दक्षिण कन्नड़, चिकमंगलुरु और कोडागु बाढ़ तथा बारिश से प्रभावित जिले हैं। तुंगभद्र नदी के पानी दावणगेरे जिले के कई हिस्से डूब गये और वहां सड़क संपर्क टूट गया।
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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सक्लेश्पुर में मरानाहल्ली के समीप कई भूस्खलन हुए। दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी के उफान पर होने के कारण पूरा पाणे मंगलुरू गांव जलमग्न हो गया। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने राज्य के लोगों से चिंता ना करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार की शीर्ष प्राथमिकता राहत कदम उठाना हैं। महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ की स्थिति में सुधार के संकेत नजर आने लगे क्योंकि जलमग्न विभिन्न क्षेत्रों से पानी घटने लगा है। सांगली जिले के पालुस तहसील में ब्रह्मनाल गांव के समीप बृहस्पतिवार को नौका पलट जाने की घटना में तीन और शव मिले हैं। नौ व्यक्तियों की डूबकर मौत हो गयी। इस तरह इस घटना में मरने वालों की संख्या 12 हो गयी है। कई अन्य के लापता होने की आशंका है। कोल्हापुर और सांगली जिलों में नौसेना की 26 टीमें तैनात हैं। नौसेना के 110 कर्मी और 26 नौकाएं बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हैं। जबतक बाढ़ की स्थिति नहीं सुधरती है तबतक ये टीमें तैनात रहेंगी।
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