पूर्व सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने आरटीआई पर लिखी ई-बुक

[email protected] । Oct 7 2016 3:25PM

पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने आम लोगों के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की बेहतर व्याख्या के लिए एक ई-बुक लिखी है। यह ई-बुक 81 पृष्ठों की है ।

मुंबई। पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने आम लोगों के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की बेहतर व्याख्या के लिए एक ई-बुक लिखी है। यह ई-बुक 81 पृष्ठों की है और इसे सत्यमेवजयते डाट इंफो वेबसाइट पर अपलोड किया गया है जहां से इसे निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। इसका लिंक भी सोशल मीडिया पर साझा किया जा सकता है। ई-बुक का नाम ‘आरटीआई एक्ट-ऑथेटिंक इंटरप्रिटेशन ऑफ दि स्टैचूट’ है।

अपने प्रिय विषय पर किताब लिखने की जरूरत का जिक्र करते हुए 69 वर्षीय कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘हमारे आरटीआई कानून को इसके प्रावधानों के संदर्भ में दुनिया का तीसरा सबसे अच्छा कानून का दर्जा दिया गया है। लेकिन कार्यान्वयन के मामले में यह 66वें नंबर पर है।’’ उन्होंने कहा कि यह किताब नागरिकों, आरटीआई उपयोगकर्ताओं को अधिकार संपन्नन बना सकती है। नौकरशाह प्रह्लाद कचारे इस किताब के सह-लेखक हैं। वह पहले पुणे स्थित यशवंतराव चव्हाण एकेडमी आफ डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन के प्रमुख थे और उन्होंने आरटीआई के क्षेत्र में कई अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया। इस ई-बुक का प्रिंट संस्करण अगले कुछ महीनों में बाजार में आएगा।

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