यूपी के चुनावी दंगल में चार अखिलेश यादव, जानिए कहां-कहां से मैदान में

Akhilesh yadav

इसी कड़ी में अयोध्या जिले के बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अखिलेश यादव ने पीटीआई भाषा को बताया कि मैं 2016 में कांग्रेस में शामिल हुआ था और इससे पहले मैं समाजवादी पार्टी के साथ था। सपा को छोड़ने का कारण पूछने पर उन्होंने बताया, मुझे उचित सम्मान नहीं दिया गया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा से इस बार 4 अखिलेश यादव चुनाव मैदान में है। चौंकिए नहीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव नाम के 4 प्रत्याशियों में सपा प्रमुख समेत दो उम्मीदवार सपा से हैं जबकि एक कांग्रेस और एक निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

इनमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चुनाव क्षेत्र मैनपुरी जिले के करहल में वोटिंग हो चुकी है और मतदाताओं ने सपा प्रमुख की किस्मत ईवीएम में बंद कर दी है। सपा प्रमुख के अलावा अखिलेश यादव नाम के दूसरे उम्मीदवार आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा अयोध्या जिले की बीकापुर विधानसभा सीट से लड़ने वाले प्रत्याशी का नाम भी अखिलेश यादव है। संभल के गुनौर विधानसभा क्षेत्र में जो निर्दलीय उम्मीदवार हैं उनका नाम भी अखिलेश है।

सपा प्रमुख के तीनों हमनामों ने संपर्क करने पर पीटीआई भाषा को बताया कि उनके लिए यह नाम होना फायदे की बात है। 7 फरवरी को सपा ने मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार अखिलेश यादव की नाम की घोषणा की तो कुछ लोगों ने समझा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव 2 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। क्योंकि इससे पहले ही सपा प्रमुख के मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ने का ऐलान हो चुका था। लेकिन पार्टी नेताओं ने स्थिति साफ कर दी और बताया कि मुबारकपुर से अखिलेश यादव 2017 में भी चुनाव लड़ चुके हैं। उनको बसपा के शाह आलम ने सिर्फ 688 वोटों से हराया था।

मुबारकपुर से सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव ने पीटीआई भाषा को बताया कि मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है, लोग मेरे प्रति सहानुभूति महसूस करते हैं, क्योंकि मैं इस सीट से 2017 के चुनाव में बहुत ही कम अंतर से हार गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अभी सभी लोग चाहते हैं कि अखिलेश यादव चुनाव जीतें। मुबारकपुर से सपा प्रत्याशी ने पीटीआई भाषा को बताया कि उनके पिता ने उनका नाम अखिलेश रखा है क्योंकि उनके तीन भाइयों का नाम ईश से खत्म हुआ- अवधेश यादव, अमरेश यादव और उमेश यादव। आपको बता दें मुबारकपुर सपा उम्मीदवार की किस्मत का फैसला सातवें चरण में 7 मार्च को होगा।

इसी कड़ी में अयोध्या जिले के बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अखिलेश यादव ने पीटीआई भाषा को बताया कि मैं 2016 में कांग्रेस में शामिल हुआ था और इससे पहले मैं समाजवादी पार्टी के साथ था। सपा को छोड़ने का कारण पूछने पर उन्होंने बताया, मुझे उचित सम्मान नहीं दिया गया।

इसके अलावा गुन्नौर में निर्दलीय उम्मीदवार लखवेंद्र उर्फ अखिलेश यादव के क्षेत्र में वोटिंग हो चुकी है। उन्होंने बताया कि उनका नाम जन्म के बाद  लखवेंद्र रखा गया लेकिन उनकी दादी उन्हें अखिलेश कहकर पुकारा करती थी और धीरे-धीरे दूसरे लोग भी उन्हें अखिलेश कहने लगे। उन्होंने बताया कि मेरा नाम  लखवेंद्र सिंह रखा था लेकिन मेरी दादी ने मुझे अखिलेश कहना शुरू कर दिया।

आपको बता दे  लखवेंद्र के पिता राम खिलाड़ी सिंह गुन्नौर से सपा के प्रत्याशी हैं और लखवेंद्र को डमी उम्मीदवार के तौर पर यहां से नामांकन कराया गया। 10 मार्च को जब परिणाम आएगा तो यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कितने अखिलेश यादव जीतकर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंचते हैं।

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