फर्जी डिग्री विवाद: स्मृति ईरानी मामले में आदेश 18 को

केंद्रीय मंत्री ईरानी द्वारा शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर झूठी जानकारी देने के मामले में उनके खिलाफ दायर शिकायत पर अदालत अगले सप्ताह उन्हें तलब करने के बारे में निर्णय करेगी।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा चुनाव आयोग को अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर झूठी जानकारी देने के मामले में उनके खिलाफ दायर शिकायत पर दिल्ली की एक अदालत अगले सप्ताह उन्हें तलब करने के बारे में निर्णय करेगी। अदालत के पहले के निर्देश के अनुरूप ईरानी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने आज मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह के समक्ष एक सीलबंद लिफाफे में कुछ रिकॉर्ड पेश किया। इसके बाद अदालत ने कहा कि इस पर 18 अक्तूबर को आदेश सुनाया जायेगा।

अदालत ने छह अक्तूबर को चुनाव आयोग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि मामले में स्पष्टीकरण के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत है। स्वतंत्र लेखक अहमर खान की तरफ से की गई शिकायत की शुरूआती सुनवाई के दौरान अदालत को चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि शैक्षणिक योग्यता के बारे में ईरानी द्वारा दायर दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। बहरहाल उन्होंने कहा कि इस बारे में वेबसाइट पर सूचना मौजूद है। अदालत के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी ईरानी के 1996 के बीए पाठ्यक्रम से संबंधित दस्तावेज सौंपे थे क्योंकि 2004 के लोकसभा चुनावों में दायर हलफनामे में जिक्र रिकॉर्ड अब तक नहीं मिला है।

अदालत ने पिछले वर्ष 20 नवम्बर को शिकायतकर्ता की याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली थी। इसमें चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को ईरानी की योग्यता से संबंधित रिकॉर्ड लाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप था कि ईरानी ने जानबूझकर आयोग के समक्ष 2004, 2011 और 2014 में दायर हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में विसंगतिपूर्ण जानकारी दी थी लेकिन इस मामले में सवाल उठाये जाने के बावजूद कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

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