विदेश सेवा से लेकर उपराष्ट्रपति तक, जानें कैसा रहा है हामिद अंसारी का अब तक का सफर

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अंकित सिंह । Apr 1 2022 3:21PM

हामिद अंसारी ने अपनी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से की। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन कोलकाता विश्वविद्यालय के सेंट जेवियर कॉलेज से की। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की है।

अक्सर सुर्खियों में रहने वाले भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। हामिद अंसारी का जन्म 1 अप्रैल 1937 को कोलकाता में हुआ था। उनका परिवार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद का रहने वाला था। इनके पिता का नाम मोहम्मद अब्दुल अजीज अंसारी था जबकि माता आसिया बेगम थीं। गौर करने वाली बात यह है कि हामिद अंसारी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी मुख्तार अहमद अंसारी के परिवार से आते हैं। हामिद अंसारी ने अपनी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से की। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन कोलकाता विश्वविद्यालय के सेंट जेवियर कॉलेज से की। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की है।

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हामिद अंसारी की शादी सलमा अंसारी से हुई है और उनके दो पुत्र और एक पुत्री है। 1961 में वह भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए। उन्होंने बगदाद, रबात, जेद्दा और ब्रुसेल्स में काम किया। 1976 से लेकर 1979 तक वह संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत रहे। इसके बाद उन्हें भारत सरकार का चीफ ऑफ प्रोटोकॉल बना दिया गया। वह इस पद पर 1980 से लेकर 1985 तक रहे। 1985 से लेकर 1989 तक वह ऑस्ट्रेलिया में राजदूत रहे।  89-90 में अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रहे। ईरान में भी भारत के राजदूत के तौर पर उन्होंने 1990 से लेकर 1992 तक अपनी सेवा दी है। इसके बाद वह संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर 1993 से लेकर 1995 तक मौजूद रहे। 1995 से लेकर 1999 तक वह सऊदी अरब में भारत के राजदूत रहे।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर वेस्ट एशियन एंड अफ्रीकन स्टडीज में विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर काम करने के बाद इनकी नियुक्ति अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर हुई। वह 2000 से 2002 तक के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। 2003 से 2005 तक वह जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में भी विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। 2006 में इन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया। उपराष्ट्रपति बनने तक वह इस पद पर बने रहे। 11 अगस्त 2007 को वह देश के उपराष्ट्रपति बने और राज्यसभा के पदेन सभापति भी हुए। 11 अगस्त 2012 को एक बार फिर से वह उप राष्ट्रपति के तौर पर पुनः निर्वाचित हुए। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद दो बार उपराष्ट्रपति बनने का मौका हामिद अंसारी को ही मिला। राज्यसभा के सभापति के तौर पर हामिद अंसारी ने कई बड़े बदलाव भी किए।

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हामिद अंसारी को भारत सरकार ने 1984 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। इसके अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों ने उन्हें अलग-अलग उपाधियों से भी सम्मानित किया है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं जो कि बाजार में उपलब्ध हैं। अक्सर मुस्कुराते रहने वाले हामिद अंसारी का विवादों से भी गहरा नाता है। ना चाहते हुए भी उनके साथ विवाद जो भी जाता है। हाल के वर्षों में मुसलमानों को लेकर कहीं गई उनकी बातों पर देश में खूब विवाद भी हुए हैं। हाल में ही 26 जनवरी के मौके पर उन्होंने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया था कि देश में धर्म के आधार पर अलग करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसके अलावा उप राष्ट्रपति रहते हुए गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगे को सलामी नहीं देने को लेकर भी विवाद हुआ था।

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