भड़के शिवपाल ने अखिलेश से कहा- मुझे तुरंत निकाल दें, भाजपा में शामिल होने को लेकर कही यह बड़ी बात

shivpal yadav
अंकित सिंह । Apr 21 2022 2:53PM

अखिलेश के बयान को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए शिवपाल ने साफ तौर पर कहा कि अगर अखिलेश ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर चुनाव लड़ा था।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव एक साथ नजर आए थे। हालांकि चुनावी नतीजों के बाद दोनों के बीच दरार लगातार बढ़ती जा रही है। इन सबके बीच शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के इस बयान पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। दरअसल, हाल में ही अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा था कि भाजपा से मिलने वाला सपा में नहीं रह सकता। इसी बयान को लेकर शिवपाल यादव ने आपत्ति जताई है। अखिलेश के बयान को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए शिवपाल ने साफ तौर पर कहा कि अगर अखिलेश ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर चुनाव लड़ा था। अगर उन्हें ऐसा लगता है तो इस पर वह तुरंत निर्णय लें और मुझे विधानमंडल दल से बाहर निकाल दें।

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हालांकि, यह बात भी सच है कि अखिलेश यादव ने अपने बयान के दौरान किसी का नाम नहीं लिया था। हालांकि, शिवपाल यादव ने योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की थी और उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो भी किया था। इसके बाद से शिवपाल के भाजपा में शामिल होने को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं। इसी सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा कि अभी इसको लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है और जब सही वक्त आएगा तो इसके बारे में भी बता देंगे। पूर्व में अपने भतीजे से मनमुटाव के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपीएल) बनाने वाले शिवपाल ने हाल ही में सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। 

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के इन दावों के बारे में पूछे जाने पर कि वह नियमित रूप से उनके संपर्क में हैं और गठबंधन के सदस्य हैं, शिवपाल ने कहा, एक फोन आया था, लेकिन अभी तक उनसे इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है। संभव है कि उन्होंने मुझसे मिलते-जुलते नाम वाले किसी और व्यक्ति से बात की होगी। शिवपाल ने हाल ही में भगवा पार्टी के साथ बढ़ती दोस्ती के संकेत दिए थे, जब योगी से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया था। शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली थी और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी। 

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