अयोध्या: कानूनी दांव-पेंच में फंसे भगवान को रिहाई का इंतजार
अयोध्या जनपद की करें तो यहां की कुछ थानों में दस से अधिक प्रतिमाएं किसी न किसी कारणवश मालखानों में पड़ी धूल खा रही हैं, ऐसी ही कुछ प्रतिमा नगर कोतवाली व कुमारगंज थाने में कैद हैं।
अयोध्या। पांच शतक के लंबे संघर्ष के बाद बंदिशों में रहे रामलला को आखिरकार आजादी मिल गई और अब उनके भव्य मंदिर का निर्माण भी हो रहा है, लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि प्रदेश के विभिन्न थानों के मालखानों में कैद भगवान की मूर्तियां आज भी रिहाई का इंतज़ार कर रही हैं। इसका खुलासा एक स्थानीय पेपर की ओर से मांगी गई जन सूचना के तहत हुआ।
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प्रदेश के अलावा यदि बात अयोध्या जनपद की करें तो यहां की कुछ थानों में दस से अधिक प्रतिमाएं किसी न किसी कारणवश मालखानों में पड़ी धूल खा रही हैं, ऐसी ही कुछ प्रतिमा नगर कोतवाली व कुमारगंज थाने में कैद हैं, जिनमें महावीर स्वामी, बुद्ध की प्रतिमा के अलावा भगवान राम व हनुमानजी की प्रतिमाएं शामिल हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की मानें तो इनका निस्तारण स्थानीय स्तर पर नहीं हो सकता है। अब देखना यह है कानूनी दांवपेंच में फंसी इन सभी प्रतिमाओं को थानों से कब और कैसे आजादी मिलती है, यह तो आने वाला समय बतायेगा।
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थानों के मालखानों में कैद प्रतिमाओं के विषय मे जानकारी देते हुये शक्ति शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार मूर्ति पूजा का एक अलग विधान है, उन्होंने बताया कि ठंडी मूर्तियों की पूजा नहीं होती है लेकिन प्राण प्रतिष्ठा होने बाद मूर्तियों की विधि विधान से पूजन अर्चन के साथ भोग लगाने का विधान है, परंतु यदि उन मूर्तियों का पूजन-अर्चन व भोग नहीं लगने के कारण वह खंडित होती हैं।
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