सरकार निजता के अधिकार और डाटा संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध: रविशंकर प्रसाद

government-committed-to-privacy-rights-and-data-protection-ravi-shankar-prasad
[email protected] । Nov 28 2019 6:21PM

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार डाटा संप्रभुता के मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी और अमेरिका सहित किसी भी देश के दबाव में नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह सरकार डाटा संरक्षण विधेयक तैयार कर रही है। वह विधेयक जब संसद में आएगा तो वह इस विषय में विस्तार से बताएंगे।

नयी दिल्ली। नागरिकों के निजता के अधिकार और डाटा की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि यदि पड़ोसी देश, आतंकवादी या भ्रष्टाचारी लोग देश को डिजिटल आधार पर तोड़ने की कोशिश करेंगे तो सरकार उनसे कड़ाई से निबटेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी ही डाटा संरक्षण विधेयक लेकर आयेगी। प्रसाद ने उच्च सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा पूछे गये स्पष्टीकरण के जवाब में यह बात कही। व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ व्यक्तियों के फोन डाटा से खिलवाड़ करने के लिए स्पाईवेयर पेगासस के कथित उपयोग मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर उनसे विभिन्न दलों के सदस्यों ने स्पष्टीकरण पूछे। प्रसाद ने कहा कि सरकार डाटा संप्रभुता के मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी और अमेरिका सहित किसी भी देश के दबाव में नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह सरकार डाटा संरक्षण विधेयक तैयार कर रही है। वह विधेयक जब संसद में आएगा तो वह इस विषय में विस्तार से बताएंगे।

इसे भी पढ़ें: आर्थिक वृद्धि जरूर धीमी, पर अर्थव्यवस्था मंदी में नहीं है और न होगी: सीतारमण

उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत विधेयक होगा और इसे लेकर व्यापक विचार विमर्श किया जा रहा है।मंत्री ने कहा कि व्हाट्सएप पर कुछ लोगों के संदेशों और बातचीत की निगरानी करवाये जाने के मुद्दे पर इस मामले में आज तक उनके मंत्रालय के पास कोई शिकायत नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि मीडिया में कुछ लोगों के नाम आये। किंतु इनमें से किसी ने भी अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करवायी? उन्होंने कहा कि यदि प्राथमिकी दर्ज करवायी जाए तो सरकार सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने अभी तक उन्हें 121 लोगों के नाम की सूची नहीं दी है। उन्होंने कहा कि क्या यह एक संयोग है कि जिन लोगों के नाम आये हैं, ‘‘उनमें से अधिकतर (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी के प्रति स्थायी विचार रखते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपनी डाटा संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत आज दुनिया में एक डिजिटल अर्थव्यवस्था बन रहा है। बाहर से आने वाली कंपनियों का यहां स्वागत हैं। किंतु हमारी जो संवेदनशील सूचनाएं हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर हम कोई समझौता नहीं कर सकते।’’प्रसाद ने कहा कि भीड़ द्वारा की जाने वाली हत्या के मामलों में हिंसा को प्रोत्साहित करने के मकसद से सोशल मीडिया पर जारी किए जाने वाले संदेशों के बारे में सरकार ने व्हाट्सएप से बातचीत की थी।

इसे भी पढ़ें: भाजपा की किरकिरी का कारण बनीं प्रज्ञा ठाकुर, जान तो लो कितने पानी में हैं?

उन्होंने कहा कि पाया गया कि जिस क्षेत्र में हिंसा की घटनाएं हुईं, वहां बहुत सारे मैसेज भेजे गये थे। उन्होंने कहा कि सरकार की बात को मानते हुए व्हाट्सएप ने अब महज पांच संदेशों का नियम तय कर दिया है। इसी के साथ भारत में उन्होंने अपना शिकायत निवारण अधिकारी भी नियुक्त किया है।उन्होंने कहा कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि हिंसा से जुड़ी कोई घटना होगी तो व्हाट्सएप पर आने वाले किसी भी संदेश के मूल स्थल की पहचान बतानी होगी। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में पता चला है कि ऐसे बहुत से संदेश की शुरुआत पड़ोसी देशों से होती है।सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ‘‘पड़ोस में कुछ ताकतें हैं जो देश को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जनता की निजता और डिजिटल सुरक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हम अपनी डिजिटल सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे।..यदि पड़ोसी देश, आतंकवादी या भ्रष्टाचारी लोग देश को डिजिटल आधार पर तोड़ने की कोशिश करेंगे तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।’’

इसे भी पढ़ें: चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 को मिली संसद की मंजूरी

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने स्पष्टीकरण पूछते हुए मंत्री से जानना चाहा कि क्या सरकार ने कोई स्पाईवेयर खरीदा है? प्रसाद ने इसका सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा कि सरकार की एक मानक परिचालन प्रकिया (एसओपी) होती है और सरकार उसी के तहत काम करती है। प्रसाद ने कहा कि भारतीय मीडिया में व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ व्यक्तियों के फोन डाटा के साथ छेड़छाड़ के लिए स्पाइवेयर पेगासस के प्रयोग संबंधी खबरें आयी थीं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने दो नवंबर को व्हाट्सएप को एक मेल भेजा। उन्होंने इस बारे में सरकार के संबंधित विभागों और एजेंसियों और व्हाट्सएप के बीच हुई बातचीत और इस दिशा में उठाये गये विभिन्न कदमों की जानकारी दी।इससे पहले कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या उसने या उसकी किसी एजेंसी ने देश के नागिरकों के डाटा की जासूसी करवाई ? उन्होंने पूछा कि सरकार यह बताये कि उसने व्हाट्सएप के जरिये किन किन लोगों की निगरानी करवायी ? उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या उसने इस मामले में कोई आतंरिक जांच करवाई है ?इसी मुद्दे पर द्रमुक के एम षडमुगम, तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक, माकपा के के के रागेश, राजद के मनोज कुमार झा, बसपा के वीर सिंह, जदयू के कहकशां परवीन, भाजपा के भूपेन्द्र यादव, वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, द्रमुक के पी विल्सन, मनोनीत राकेश सिन्हा, कांग्रेस के पी भट्टाचाय और सपा के रविप्रकाश वर्मा ने सरकार से विभिन्न स्पष्टीकरण पूछे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़